BTC 2015: बीटीसी रिजल्ट में टॉपर अभ्यर्थियों का कई विषयों में बैक पेपर, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट मुख्यालय भी घिर गए अंकों की हेराफेरी में

इलाहाबाद : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के साथ ही अब जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट मुख्यालय भी अंकों की हेराफेरी में घिर गए हैं। बीटीसी 2015 तृतीय सेमेस्टर के रिजल्ट में छह अभ्यर्थियों को पूर्णाक से अधिक अंक दिए हैं। ये सामने आने के बाद सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने सख्त रुख अपनाया है।
उन्होंने डायट प्राचार्यो से स्पष्टीकरण मांगा है कि ऐसा क्यों हुआ, इसमें किसके स्तर पर है। उस पर कार्रवाई होना तय है। 1शिक्षक भर्ती के रिजल्ट में गड़बड़ियों का प्रकरण अभी शांत नहीं हुआ है, इसी बीच बीटीसी 2015 सहित अन्य तीसरे सेमेस्टर के रिजल्ट में भी खामी उजागर हो गई है।
इसी बैच की प्रीती कुमारी पहले सेमेस्टर की टॉपर रही हैं, उनका तीसरे सेमेस्टर में पांच विषयों में बैक पेपर आया है। प्रीती का दावा है कि ऐसा किसी दशा में संभव ही नहीं है। ऐसे ही प्रतापगढ़ के मोहम्मद सलमान गणित का पेपर अच्छा होने के बाद भी अनुत्तीर्ण हुए हैं। जौनपुर के प्रशांत यादव का चार विषय में बैक पेपर आया है। मथुरा के पुनीत कुमार इनका दावा है कि सभी पेपर अच्छे हुए फिर भी तीन विषय में बैक पेपर आया है इससे तीसरा सेमेस्टर ही बैक घोषित हुआ है। फतेहपुर के रंजीत राणा पढ़ाई में अव्वल रहने के बाद भी एक विषय में बैक आया है। प्रशिक्षुओं का कहना है कि कॉपी मिसिंग व गलत तरीके से मूल्यांकन के कारण यह नौबत आई है। सोमवार को बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को इस संबंध में प्रत्यावेदन सौंपा है। उनका कहना है कि मूल्यांकन की जांच कराई जाए। इसमें डायट के शिक्षक व एजेंसी दोषी है। ज्ञात हो कि पहली बार परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने प्रदेश के सभी डायट मुख्यालयों पर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया है और इसका रिजल्ट पूर्व सचिव के कार्यकाल में ही तैयार हुआ है।