उत्तर प्रदेश में हाल में निरस्त की गयी बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट
(बीटीसी) परीक्षा आगामी एक से तीन नवम्बर के बीच आयोजित की जाएगी. वहीं मुख्यमंत्री
ने एसटीएफ के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिस प्रेस में बीटीसी का पेपर
छपा, वहां से लेकर परीक्षा केंद्र तक जो भी प्रश्नपत्र आउट कराने के लिए
चिन्हित किये जाएं, उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए.
राज्य सरकार
के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि हाल में कौशाम्बी में पेपर लीक हो
जाने के कारण निरस्त की गयी बीटीसी की परीक्षा अब एक से तीन नवम्बर तक
आयोजित की जाएगी. शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की परीक्षा भी 18 नवम्बर
को करायी जाएगी. दोनों ही परीक्षाओं का परिणाम 10 दिसम्बर को जारी किया
जाएगा. वक्ता ने बताया कि शिक्षकों के 68500 खाली पदों पर भर्ती के लिये
ऑनलाइन पंजीयन 11 दिसम्बर से शुरू होगा. शिक्षक भर्ती परीक्षा अगले साल छह
जनवरी को करायी जाएगी.
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बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव बेसिक
शिक्षा ने दी. अपर मुख्य सचिव ने बताया कि पिछली गलतियों से सीख लेते हुए
68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के दूसरे चरण के लिए छह जनवरी को आयोजित की
जाने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया जाएगा। आगामी
परीक्षा में लघु उत्तरीय प्रश्न नहीं होंगे. परीक्षा में सिर्फ
बहु-विकल्पीय प्रश्न होंगे. यह परीक्षा ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर)
आधारित होगी. उन्होंने बताया कि यूपीटीईटी के लिए 18.25 लाख अभ्यर्थियों ने
रजिस्ट्रेशन कराया है.
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वहीं बीटीसी 2015 बैच के चौथे सेमेस्टर का पेपर आउट कराने के दोषी पाए जाने
वाले लोगों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय सुरक्षा
अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि पेपर लीक
होने की घटना की जांच एसटीएफ कर रही है. शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग की
परीक्षाओं के सिलसिले में बुलाई गई बैठक में एसटीएफ ने अपनी जांच की
प्रारंभिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी
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