◼️ हमारे द्वारा कल एल॰पी॰ मिश्रा जी की ब्रीफ़िंग के समय यह तय कर लिया गया गया था कि हमारे अधिवक्ता शून्य जनपद को स्वतन्त्र रूप से उनकी पूरी बहस करने देंगे तथा हमारी याचिका का सीरियली नम्बर आने पर ही कार्यरत अध्यापकों का पक्ष रखा जाएगा।
◼️ सर्वप्रथम शून्य जनपद के अधिवक्ताओं ने अपनी अपील पर बहस शुरू की, उनकी बहस शुरुआत से ही हैरान कर देने वाली रही। शून्य जनपद के अधिवक्ताओं ने यह कहते हुए अपनी बहस की शुरुआत की कि नियम 14(1) असंवैधानिक है। अधिक टिप्पणी करना तो ठीक नही लेकिन शून्य जनपद के पैरोकारों के भ्रमित होने के कारण वह स्वयं अपनी नौकरी की सभी संभावनाओं को समाप्त करने जा रहे हैं। कोई कुछ भी कहे लेकिन सच यही है कि शून्य जनपद के अधिवक्ताओं ने ख़ुद पहल कर अपनी याचिका पुरानी याचिकाओं से टैग कराईं।
◼️ कुछ ज़्यादा होशियार लोगों द्वारा उसी समय हमारी स्पेशल अपील भी टैग करा दी गयी लेकिन लंच के बाद हमारे वरिष्ठ अधिवक्ता श्री एल॰पी॰ मिश्रा ने मोर्चा सम्हालते हुए शानदार तरीक़े से कार्यरत शिक्षकों का पूरा मैटर मुख्य न्यायाधीश महोदय को समझाया। काफ़ी कश्मकश के बाद अन्ततः कार्यरत शिक्षकों को कोर्ट द्वारा अग्रिम सुनवाई तक राहत दे दी गयी। यह स्टे हर सुनवाई पर एक्स्टेंड होता रहेगा।
◼️ अब 12460 भर्ती कार्यरत शिक्षकों की नौकरी इरशाद अली जी के आदेश से प्रभावित नही होगी।
◼️ सर्वप्रथम शून्य जनपद के अधिवक्ताओं ने अपनी अपील पर बहस शुरू की, उनकी बहस शुरुआत से ही हैरान कर देने वाली रही। शून्य जनपद के अधिवक्ताओं ने यह कहते हुए अपनी बहस की शुरुआत की कि नियम 14(1) असंवैधानिक है। अधिक टिप्पणी करना तो ठीक नही लेकिन शून्य जनपद के पैरोकारों के भ्रमित होने के कारण वह स्वयं अपनी नौकरी की सभी संभावनाओं को समाप्त करने जा रहे हैं। कोई कुछ भी कहे लेकिन सच यही है कि शून्य जनपद के अधिवक्ताओं ने ख़ुद पहल कर अपनी याचिका पुरानी याचिकाओं से टैग कराईं।
◼️ कुछ ज़्यादा होशियार लोगों द्वारा उसी समय हमारी स्पेशल अपील भी टैग करा दी गयी लेकिन लंच के बाद हमारे वरिष्ठ अधिवक्ता श्री एल॰पी॰ मिश्रा ने मोर्चा सम्हालते हुए शानदार तरीक़े से कार्यरत शिक्षकों का पूरा मैटर मुख्य न्यायाधीश महोदय को समझाया। काफ़ी कश्मकश के बाद अन्ततः कार्यरत शिक्षकों को कोर्ट द्वारा अग्रिम सुनवाई तक राहत दे दी गयी। यह स्टे हर सुनवाई पर एक्स्टेंड होता रहेगा।
◼️ अब 12460 भर्ती कार्यरत शिक्षकों की नौकरी इरशाद अली जी के आदेश से प्रभावित नही होगी।