परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की संख्या बढ़ाने को लेकर इस सत्र में दो चरणों में अभियान चलना है। इस अभियान के तहत शिक्षक और कर्मचारी जागरूकता रैली निकालने के साथ घर-घर जाकर अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने की ‘मिन्नतें’ भी कर रहे हैं।
हालांकि, पहले चरण का अभियान पूरा हो चुका है। जिसमें करीब 1500 बच्चे चिन्हित किए गए। दूसरे चरण का अभियान 21 मई से शुरू होगा, जो 30 जून तक चलेगा।
निदेशक बेसिक शिक्षा ने इस सत्र में प्रत्येक परिषदीय स्कूलों में 15 बच्चे बढ़ाने का लक्ष्य दिया है। इसी क्रम में शारदा योजना के तहत पहले चरण का अभियान एक फरवरी से 30 मार्च तक चला। इस दौरान जिले भर में सात से 14 वर्ष के करीब 1500 ऐसे बच्चे चिन्हित किए गए जो लगातार 45 दिनों से स्कूल नहीं आ रहे थे अथवा जो पहली बार विद्यालय में पढ़ने के लिए आएंगे। इन बच्चों का एक से 20 अप्रैल तक स्कूलों में नामांकन होना है। इसके बाद 21 से 30 तक इन बच्चों के ज्ञान का स्तर परखने के लिए मूल्यांकन किया जाएगा। ज्ञान का स्तर ठीक न होने पर उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि जिस कक्षा में इनका दाखिला होना है, उसके अनुरूप उनका ज्ञानवर्धन हो सके। दूसरे चरण के अभियान में चिन्हित बच्चों का एक से 20 जुलाई तक नामांकन होगा। 21 से 31 तक ज्ञानस्तर परखने के लिए मूल्यांकन किया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारी (नगर) ज्योति शुक्ला बताती हैं कि पिछले सत्र में प्रत्येक विद्यालय में पांच बच्चे बढ़ाने का लक्ष्य दिया गया था। जिले में परिषदीय विद्यालयों में छात्र-छात्रओं की कुल संख्या करीब 3.15 लाख है।
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हालांकि, पहले चरण का अभियान पूरा हो चुका है। जिसमें करीब 1500 बच्चे चिन्हित किए गए। दूसरे चरण का अभियान 21 मई से शुरू होगा, जो 30 जून तक चलेगा।
निदेशक बेसिक शिक्षा ने इस सत्र में प्रत्येक परिषदीय स्कूलों में 15 बच्चे बढ़ाने का लक्ष्य दिया है। इसी क्रम में शारदा योजना के तहत पहले चरण का अभियान एक फरवरी से 30 मार्च तक चला। इस दौरान जिले भर में सात से 14 वर्ष के करीब 1500 ऐसे बच्चे चिन्हित किए गए जो लगातार 45 दिनों से स्कूल नहीं आ रहे थे अथवा जो पहली बार विद्यालय में पढ़ने के लिए आएंगे। इन बच्चों का एक से 20 अप्रैल तक स्कूलों में नामांकन होना है। इसके बाद 21 से 30 तक इन बच्चों के ज्ञान का स्तर परखने के लिए मूल्यांकन किया जाएगा। ज्ञान का स्तर ठीक न होने पर उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि जिस कक्षा में इनका दाखिला होना है, उसके अनुरूप उनका ज्ञानवर्धन हो सके। दूसरे चरण के अभियान में चिन्हित बच्चों का एक से 20 जुलाई तक नामांकन होगा। 21 से 31 तक ज्ञानस्तर परखने के लिए मूल्यांकन किया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारी (नगर) ज्योति शुक्ला बताती हैं कि पिछले सत्र में प्रत्येक विद्यालय में पांच बच्चे बढ़ाने का लक्ष्य दिया गया था। जिले में परिषदीय विद्यालयों में छात्र-छात्रओं की कुल संख्या करीब 3.15 लाख है।
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