जासं, मैनपुरी: फर्जी बीएड डिग्री से बेसिक शिक्षा विभाग में सालों से
सहायक शिक्षक के पद पर तैनात शिक्षकों पर शिकंजा कसने लगा है। इनके खिलाफ
समूची जानकारी का ब्योरा 24 जून तक बेसिक सचिव ने मांगा है। आदेश के बाद
फर्जी शिक्षकों में खलबली मच गई है।
आगरा के आंबेडकर विवि की फर्जी बीएड डिग्री से बेसिक शिक्षा विभाग में सैंकड़ों शिक्षक भर्ती हो गए थे। वर्ष 2004-05 की डिग्री में गड़बड़ी से भर्ती सहायक शिक्षकों का मामला सामने आने पर शासन ने मामले की जांच एसआइटी को सौंप दी। जिले में ऐसे सहायक शिक्षकों की तलाश की गई तो यहां भी 80 शिक्षकों का नाम सामने आया, जिनकी बीएड की डिग्री फर्जी थी। एसआइटी जांच के बाद नामों के मिलान के लिए भेजी सीडी से इनकी पहचान हो सकी थी।
हर बार मिलती रही राहत
बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों के संरक्षण में फर्जी शिक्षकों पर दो साल में कार्रवाई नहीं हुई। शासन ने कई बार कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन विभागीय अफसर जांच और नोटिस देने के बाद मामले को दबाने में जुटे रहे।
24 जून तक मांगी सचिव ने जानकारी
जिले के 80 फर्जी शिक्षकों पर जल्द कार्रवाई हो सकती है। विभाग की सचिव रूबी सिंह ने बीएसए से शिक्षकों के नाम और अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा सहायक निदेशक बेसिक को 22 जून तक उपलब्ध कराने को कहा है। एडी बेसिक से ऐसे कागजात 24 जून मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं।
हर बार आदेश दरकिनार
फर्जी बीएड डिग्री से बेसिक में तैनात शिक्षकों को बचाने के लिए खूब कोशिश परवान चढ़ी। जानकारों का कहना है कि शासन की ओर से बेसिक सचिव ने ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पहला पत्र 12 अक्टूबर 2017 को बीएसए को भेजा था। इसके बाद 28 अक्टूबर, 24, 30 नबंवर 2017, पांच जून 2018 को भी ऐसे पत्र भेजे गए। बीएसए और संबधित बाबू ने जांच आगे नहीं बढ़ाई।
सचिव के आदेशों के अनुपालन में सूचना तैयार करवाई जा रही है। फर्जी बीएड डिग्री से नौकरी करने वाले शिक्षकों के नाम और अब तक की गई कार्रवाई एडी बेसिक को भेजी जाएगी।
विजय प्रताप सिंह, बीएसए।
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Originally published by https://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/
आगरा के आंबेडकर विवि की फर्जी बीएड डिग्री से बेसिक शिक्षा विभाग में सैंकड़ों शिक्षक भर्ती हो गए थे। वर्ष 2004-05 की डिग्री में गड़बड़ी से भर्ती सहायक शिक्षकों का मामला सामने आने पर शासन ने मामले की जांच एसआइटी को सौंप दी। जिले में ऐसे सहायक शिक्षकों की तलाश की गई तो यहां भी 80 शिक्षकों का नाम सामने आया, जिनकी बीएड की डिग्री फर्जी थी। एसआइटी जांच के बाद नामों के मिलान के लिए भेजी सीडी से इनकी पहचान हो सकी थी।
बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों के संरक्षण में फर्जी शिक्षकों पर दो साल में कार्रवाई नहीं हुई। शासन ने कई बार कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन विभागीय अफसर जांच और नोटिस देने के बाद मामले को दबाने में जुटे रहे।
24 जून तक मांगी सचिव ने जानकारी
जिले के 80 फर्जी शिक्षकों पर जल्द कार्रवाई हो सकती है। विभाग की सचिव रूबी सिंह ने बीएसए से शिक्षकों के नाम और अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा सहायक निदेशक बेसिक को 22 जून तक उपलब्ध कराने को कहा है। एडी बेसिक से ऐसे कागजात 24 जून मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं।
फर्जी बीएड डिग्री से बेसिक में तैनात शिक्षकों को बचाने के लिए खूब कोशिश परवान चढ़ी। जानकारों का कहना है कि शासन की ओर से बेसिक सचिव ने ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पहला पत्र 12 अक्टूबर 2017 को बीएसए को भेजा था। इसके बाद 28 अक्टूबर, 24, 30 नबंवर 2017, पांच जून 2018 को भी ऐसे पत्र भेजे गए। बीएसए और संबधित बाबू ने जांच आगे नहीं बढ़ाई।
सचिव के आदेशों के अनुपालन में सूचना तैयार करवाई जा रही है। फर्जी बीएड डिग्री से नौकरी करने वाले शिक्षकों के नाम और अब तक की गई कार्रवाई एडी बेसिक को भेजी जाएगी।
विजय प्रताप सिंह, बीएसए।
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