प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के
नवनियुक्त परीक्षा नियंत्रक अरविंद मिश्र ने का लक्ष्य इस बड़े संस्थान की
छवि को सुधारने का है। पीसीएस अधिकारी अरविंद मिश्र ने आज कार्यभार ग्रहण
किया। पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार के जेल जाने के बाद 31 मई से यह
पद खाली था। शासन ने अरविंद का नियुक्ति आदेश 14 जून को ही किया था।
कार्यभार संभालने के बाद अरविंद मिश्र ने कहा कि आयोग पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने से उसकी प्रतिष्ठा खराब हुई है, जिसे सुधारने के लिए पूरी निष्ठा, समर्पण व ईमानदारी से काम किया जाएगा। प्रयागराज में रहकर ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अरविंद ने कहा कि आयोग पवित्र संस्थान है, उसकी गरिमा व मर्यादा बचाने की नैतिक जिम्मेदारी यहां काम करने वाले हर व्यक्ति की है। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 पेपर लीक से क्या सीख लेंगे? उस पर बोले, पेपर लीक मामला कोर्ट में है, उसकी जांच चल रही है, इसलिए उस पर कुछ नहीं बोलेंगे। उन्होंने कहा कि आगे की परीक्षाओं में पेपर लीक, कॉपी बदलने, परिणाम में गड़बड़ी जैसी घटनाएं न हों उसके लिए वह पूरा प्रयास करेंगे।
जुलाई के अंत तक नया कैलेंडर
परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि पेपर लीक मामले के चलते पुराना परीक्षा कैलेंडर स्थगित हो चुका है। अब उसकी विश्वसनीयता भी नहीं है। वह नया परीक्षा कैलेंडर लागू करने पर काम शुरू करेंगे। जुलाई माह के अंत तक नया परीक्षा कैलेंडर लागू कर दिया जाएगा। सीडीओ के पद से स्थानांतरित होकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक बने अरविंद मिश्र ने कहा यह पद उनके लिए चुनौती है। वह व्यवस्था को पारदर्शी बनाकर लोगों का विश्वास जीतने का प्रयास करेंगे। मूलरूप से देवरिया निवासी अरविंद मिश्र 2008 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं। उन्होंने माना कि कहीं न कहीं व्यवस्था में चूक हुई, इसलिए लोगों का विश्वास आयोग से टूटा है। ऐसे में आयोग की कार्यशैली के प्रति सभी का विश्वास जीतना चुनौती से कम नहीं है।
अभी नहीं है काम की आजादी
अरविंद मिश्र ने कहा कि मौजूदा समय आयोग में जांच एजेंसियों का दखल है। इससे काम में आजादी नहीं है। फिर भी रुकी परीक्षाओं को समय पर कराने के साथ परिणाम जारी करने पर उनका विशेष जोर रहेगा। आयोग की एक नियमावली है, उसके दायरे में रहकर काम करना होता है। उनकी की पहली तैनाती डिप्टी कलेक्टर के पद पर मैनपुरी में हुई थी। इसके बाद फिरोजाबाद, कौशांबी और मेरठ में एसडीएम रहे। रामपुर में सिटी मजिस्ट्रेट, बुलंदशहर में एडीएम और मऊ में सीडीओ रह चुके हैं।
नए प्रेस का होगा चयन
परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि पेपर सेटर, मॉडरेटर व पैनल का पुन: गठन किया जाएगा। ईमानदार लोगों को गोपनीय कामों में लगाया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी है। पेपर छापने के लिए नए प्रेस की तलाश करेंगे।
बाजीराव हैं आदर्श
अरविंद मिश्र की पहचान उनकी बड़ी मूंछें भी है। बड़ी मूंछ रखने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि बाजीराव पेशवा उनके आदर्श हैं। वह बाजीराव से प्रेरित होकर अपना कार्य अलग तरीके से करते हैं। मूंछ भी उसी के तहत रखी है, जिससे औरों से भिन्न दिखूं।
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कार्यभार संभालने के बाद अरविंद मिश्र ने कहा कि आयोग पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने से उसकी प्रतिष्ठा खराब हुई है, जिसे सुधारने के लिए पूरी निष्ठा, समर्पण व ईमानदारी से काम किया जाएगा। प्रयागराज में रहकर ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अरविंद ने कहा कि आयोग पवित्र संस्थान है, उसकी गरिमा व मर्यादा बचाने की नैतिक जिम्मेदारी यहां काम करने वाले हर व्यक्ति की है। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 पेपर लीक से क्या सीख लेंगे? उस पर बोले, पेपर लीक मामला कोर्ट में है, उसकी जांच चल रही है, इसलिए उस पर कुछ नहीं बोलेंगे। उन्होंने कहा कि आगे की परीक्षाओं में पेपर लीक, कॉपी बदलने, परिणाम में गड़बड़ी जैसी घटनाएं न हों उसके लिए वह पूरा प्रयास करेंगे।
परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि पेपर लीक मामले के चलते पुराना परीक्षा कैलेंडर स्थगित हो चुका है। अब उसकी विश्वसनीयता भी नहीं है। वह नया परीक्षा कैलेंडर लागू करने पर काम शुरू करेंगे। जुलाई माह के अंत तक नया परीक्षा कैलेंडर लागू कर दिया जाएगा। सीडीओ के पद से स्थानांतरित होकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक बने अरविंद मिश्र ने कहा यह पद उनके लिए चुनौती है। वह व्यवस्था को पारदर्शी बनाकर लोगों का विश्वास जीतने का प्रयास करेंगे। मूलरूप से देवरिया निवासी अरविंद मिश्र 2008 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं। उन्होंने माना कि कहीं न कहीं व्यवस्था में चूक हुई, इसलिए लोगों का विश्वास आयोग से टूटा है। ऐसे में आयोग की कार्यशैली के प्रति सभी का विश्वास जीतना चुनौती से कम नहीं है।
अरविंद मिश्र ने कहा कि मौजूदा समय आयोग में जांच एजेंसियों का दखल है। इससे काम में आजादी नहीं है। फिर भी रुकी परीक्षाओं को समय पर कराने के साथ परिणाम जारी करने पर उनका विशेष जोर रहेगा। आयोग की एक नियमावली है, उसके दायरे में रहकर काम करना होता है। उनकी की पहली तैनाती डिप्टी कलेक्टर के पद पर मैनपुरी में हुई थी। इसके बाद फिरोजाबाद, कौशांबी और मेरठ में एसडीएम रहे। रामपुर में सिटी मजिस्ट्रेट, बुलंदशहर में एडीएम और मऊ में सीडीओ रह चुके हैं।
परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि पेपर सेटर, मॉडरेटर व पैनल का पुन: गठन किया जाएगा। ईमानदार लोगों को गोपनीय कामों में लगाया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी है। पेपर छापने के लिए नए प्रेस की तलाश करेंगे।
अरविंद मिश्र की पहचान उनकी बड़ी मूंछें भी है। बड़ी मूंछ रखने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि बाजीराव पेशवा उनके आदर्श हैं। वह बाजीराव से प्रेरित होकर अपना कार्य अलग तरीके से करते हैं। मूंछ भी उसी के तहत रखी है, जिससे औरों से भिन्न दिखूं।
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