दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने प्रधानमंत्री के नाम पर वेबसाइट बनाकर सौ से अधिक लोगों से ठगी के मामले का भंडाफोड़ किया है। सेल ने इस मामले में आरोपी युवक प्रसन्नजीत चटर्जी को बुधवार को बंगाल से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने बेरोजगारों को शिक्षक पद के लिए फार्म भराने के नाम पर रुपये वसूले थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक मंत्रालय की तरफ से हरिसेवक शर्मा ने साइबर सेल के पास 7 जनवरी को शिकायत दी थी। शिकायत के आधार पर सेल ने कार्रवाई करते हुए आईटी एक्ट एवं धोखाधड़ी की धारा में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की।
वेबसाइट के जरिए ऑफिस तक पहुंची
मामले की जांच में जुटी पुलिस ने पहले आरोपी की वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया। इसके बाद इंस्पेक्टर भानु प्रकाश की टीम ने वेबसाइट के आईपी एड्रेस के सहारे आरोपी तक पहुंचने की कोशिश शुरू कर दी। टीम इस एड्रेस के जरिए प्रसन्नजीत के ऑफिस तक पहुंच गई। बाद में पुलिस टीम ने बंगाल के 24 परगना जिले से प्रसन्नजीत को गिरफ्तार कर लिया।
कम्प्यूटर सेवा देते-देते बन गया ठग
आरोपी प्रसन्नजीत ने 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद कम्प्यूटर का डिप्लोमा कोर्स किया था। उसके पिता सीआईडी में एएसआई के पद से अवकाश प्राप्त हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कम्प्यूटर कोर्स करने के बाद प्रसन्नजीत ने कम्प्यूटर सेवा प्रदान करने वाला केंद्र खोला। केंद्र पर लोगों के ऑनलाइन आवेदन से लेकर अन्य काम किए जाते थे। आरोपी ने बताया कि इसी दौरान उसे ऑनलाइन तरीके से ठगी का उपाय सूझा।
डिजिटल साक्षरता अभियान के नाम पर ठगा
आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने www.pmgdisha.in नाम से केंद्रीय मंत्रालय की वेबसाइट देखी। वेबसाइट पर उसने डिजिटल साक्षरता के बारे में पढ़ा। बस यहीं से उसे ठगी का विचार आ गया। प्रसन्नजीत ने wbpmgdisha.in नाम से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाई। फिर उसे हर व्हाट्स ग्रुप में प्रसारित किया और अफवाह फैलाई कि केंद्र सरकार डिजिटल साक्षरता के लिए शिक्षक भर्ती अभियान चला रही है। लोगों ने फॉर्म भरने के नाम पर वेबसाइट पर लॉगइन किया। फार्म भरने के बाद आवेदन शुल्क के नाम पर पांच सौ से हजार रुपये वसूले गए।
हजारों में जा सकती है पीड़ितों की संख्या
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक की जांच में सौ से अधिक लोगों से ठगी की बात सामने आई है। चूंकि आरोपी एक साल से अधिक समय से यह काम कर रहा था इसलिए ठगी के पीड़ितों की संख्या हजारों में जा सकती है। पुलिस वेबसाइट से जुड़े आंकड़ों को खंगाल रही है। पुलिस की टीम आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर बुधवार को दिल्ली पहुंच गई है।
मोदी के नाम पर फ्री लैपटॉप का लालच देकर शिकार बनाया
स्पेशल सेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर फ्री लैपटाप बांटने के मामले में आईआईटी छात्र को 2 जून को गिरफ्तार किया था। आरोपी छात्र राकेश जांगीड़ को राजस्थान के नागौर से गिरफ्तार किया गया था। छात्र ने व्हाट्सएप ग्रुप में लिंक प्रसारित कर मुफ्त लैपटॉप का लालच देकर पंजीकरण के जरिए करीब 15 लाख लोगों की व्यक्तिगत जानकारियां जमा की थीं जिसे अन्य लोगों को बेचता था। राकेश खड़कपुर आईआईटी से बीते वर्ष एमटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में था।
प्रधानमंत्री के नाम पर मुफ्त सोलर पैनल देने का झांसा
स्पेशल सेल ने जून में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लैपटॉप एवं सोलर पैनल मुफ्त देने के नाम पर लोगों को झांसे में देने वाले एक मामले का पर्दाफाश किया था। जांच के बाद पुलिस ने 11 जून को राजस्थान के चूरू शहर से आरोपी रोहित सोनी को गिरफ्तार किया था। आरोपी ने उसने अपना एक एप को लोकप्रिय बनाने और लोगों की व्यक्तिगत जानकारियां लेकर बेचने की योजना के तहत लैपटॉप और सोलर पैनल मुफ्त देने का झांसा देने वाली एक वेबसाइट बनाई। वेबसाइट के लिंक पर जाकर फार्म भरने पर पहले एप डाउनलोड हो जाता था जिससे लोगों की व्यक्तिगत जानकारियां मिल जाती थीं।
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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक मंत्रालय की तरफ से हरिसेवक शर्मा ने साइबर सेल के पास 7 जनवरी को शिकायत दी थी। शिकायत के आधार पर सेल ने कार्रवाई करते हुए आईटी एक्ट एवं धोखाधड़ी की धारा में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की।
वेबसाइट के जरिए ऑफिस तक पहुंची
मामले की जांच में जुटी पुलिस ने पहले आरोपी की वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया। इसके बाद इंस्पेक्टर भानु प्रकाश की टीम ने वेबसाइट के आईपी एड्रेस के सहारे आरोपी तक पहुंचने की कोशिश शुरू कर दी। टीम इस एड्रेस के जरिए प्रसन्नजीत के ऑफिस तक पहुंच गई। बाद में पुलिस टीम ने बंगाल के 24 परगना जिले से प्रसन्नजीत को गिरफ्तार कर लिया।
कम्प्यूटर सेवा देते-देते बन गया ठग
आरोपी प्रसन्नजीत ने 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद कम्प्यूटर का डिप्लोमा कोर्स किया था। उसके पिता सीआईडी में एएसआई के पद से अवकाश प्राप्त हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कम्प्यूटर कोर्स करने के बाद प्रसन्नजीत ने कम्प्यूटर सेवा प्रदान करने वाला केंद्र खोला। केंद्र पर लोगों के ऑनलाइन आवेदन से लेकर अन्य काम किए जाते थे। आरोपी ने बताया कि इसी दौरान उसे ऑनलाइन तरीके से ठगी का उपाय सूझा।
डिजिटल साक्षरता अभियान के नाम पर ठगा
आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने www.pmgdisha.in नाम से केंद्रीय मंत्रालय की वेबसाइट देखी। वेबसाइट पर उसने डिजिटल साक्षरता के बारे में पढ़ा। बस यहीं से उसे ठगी का विचार आ गया। प्रसन्नजीत ने wbpmgdisha.in नाम से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाई। फिर उसे हर व्हाट्स ग्रुप में प्रसारित किया और अफवाह फैलाई कि केंद्र सरकार डिजिटल साक्षरता के लिए शिक्षक भर्ती अभियान चला रही है। लोगों ने फॉर्म भरने के नाम पर वेबसाइट पर लॉगइन किया। फार्म भरने के बाद आवेदन शुल्क के नाम पर पांच सौ से हजार रुपये वसूले गए।
हजारों में जा सकती है पीड़ितों की संख्या
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक की जांच में सौ से अधिक लोगों से ठगी की बात सामने आई है। चूंकि आरोपी एक साल से अधिक समय से यह काम कर रहा था इसलिए ठगी के पीड़ितों की संख्या हजारों में जा सकती है। पुलिस वेबसाइट से जुड़े आंकड़ों को खंगाल रही है। पुलिस की टीम आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर बुधवार को दिल्ली पहुंच गई है।
मोदी के नाम पर फ्री लैपटॉप का लालच देकर शिकार बनाया
स्पेशल सेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर फ्री लैपटाप बांटने के मामले में आईआईटी छात्र को 2 जून को गिरफ्तार किया था। आरोपी छात्र राकेश जांगीड़ को राजस्थान के नागौर से गिरफ्तार किया गया था। छात्र ने व्हाट्सएप ग्रुप में लिंक प्रसारित कर मुफ्त लैपटॉप का लालच देकर पंजीकरण के जरिए करीब 15 लाख लोगों की व्यक्तिगत जानकारियां जमा की थीं जिसे अन्य लोगों को बेचता था। राकेश खड़कपुर आईआईटी से बीते वर्ष एमटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में था।
प्रधानमंत्री के नाम पर मुफ्त सोलर पैनल देने का झांसा
स्पेशल सेल ने जून में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लैपटॉप एवं सोलर पैनल मुफ्त देने के नाम पर लोगों को झांसे में देने वाले एक मामले का पर्दाफाश किया था। जांच के बाद पुलिस ने 11 जून को राजस्थान के चूरू शहर से आरोपी रोहित सोनी को गिरफ्तार किया था। आरोपी ने उसने अपना एक एप को लोकप्रिय बनाने और लोगों की व्यक्तिगत जानकारियां लेकर बेचने की योजना के तहत लैपटॉप और सोलर पैनल मुफ्त देने का झांसा देने वाली एक वेबसाइट बनाई। वेबसाइट के लिंक पर जाकर फार्म भरने पर पहले एप डाउनलोड हो जाता था जिससे लोगों की व्यक्तिगत जानकारियां मिल जाती थीं।
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