गोरखपुर, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों की पहचान के
लिए जांच का दौर जारी है। जिले में अभी भी 300 से अधिक शिक्षक आधे शैक्षणिक
प्रमाण पत्रों के सत्यापन पर ही पूरा वेतन पा रहे हैं। लंबी अवधि बीत जाने
के बाद भी उनके सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं प्राप्त हो
सका है। संभावना जताई जा रही है कि प्रपत्रों के सत्यापन में भी कुछ फर्जी
शिक्षक पकड़ में आ सकते हैं।
एसटीएफ के हत्थे चढ़े मुक्तिनाथ का भी हुआ था अधूरा सत्यापन
देवरिया में एसटीएफ के हत्थे चढ़े बड़हलगंज ब्लॉक के शिक्षक मुक्तिनाथ को भी अधूरे सत्यापन के बाद से अब तक वेतन मिल रहा था। उसके स्नातक एवं बीएड के अंकपत्रों का सत्यापन अभी तक नहीं प्राप्त हुआ। एसटीएफ की कार्रवाई में पकड़े जाने और बीएड का अंकपत्र फर्जी होने की बात स्वीकार करने के बाद आनन-फानन में उसके अन्य अंकपत्रों को भी सत्यापन के लिए भेजा गया है। एसटीएफ की इस कार्रवाई के बाद दो अंक पत्रों के सत्यापन पर पूरा वेतन पा रहे शिक्षकों का प्रकरण चर्चा में है। शिक्षकों में अंदरखाने यह चर्चा जोरों पर है कि उनका सत्यापन हुआ तो कई और शिक्षक पकड़ में आ सकते हैं।
बीएसए ने तलब किया विवरण
जिन शिक्षकों का सत्यापन पूरा नहीं हुआ है, उनमें से अधिकतर की तैनाती कई वर्ष पहले की है। उस समय दो प्रपत्रों के सत्यापन पर वेतन देने का नियम था लेकिन तुरंत अन्य शैक्षणिक प्रपत्रों का आफलाइन सत्यापन मंगाना भी अनिवार्य होता है। बीएसए ने ऐसे शिक्षकों का विवरण तलब किया है, जिनके सभी प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं किया गया है। उम्मीद है कि विवरण आने पर यह संख्या 300 से भी अधिक हो सकती है। 68500 शिक्षक भर्ती के तहत जिन शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, उन्हें सभी अभिलेखों के सत्यापन के बाद ही वेतन मिला है।
सभी को होगा सत्यापन
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह का कहना है कि सभी शिक्षकों के समस्त शैक्षणिक अभिलेखों का सत्यापन कराया जाएगा। ऐसे शिक्षकों का विवरण तलब किया गया है, जिनके अभी तक केवल दो प्रपत्रों का सत्यापन हुआ है।
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एसटीएफ के हत्थे चढ़े मुक्तिनाथ का भी हुआ था अधूरा सत्यापन
देवरिया में एसटीएफ के हत्थे चढ़े बड़हलगंज ब्लॉक के शिक्षक मुक्तिनाथ को भी अधूरे सत्यापन के बाद से अब तक वेतन मिल रहा था। उसके स्नातक एवं बीएड के अंकपत्रों का सत्यापन अभी तक नहीं प्राप्त हुआ। एसटीएफ की कार्रवाई में पकड़े जाने और बीएड का अंकपत्र फर्जी होने की बात स्वीकार करने के बाद आनन-फानन में उसके अन्य अंकपत्रों को भी सत्यापन के लिए भेजा गया है। एसटीएफ की इस कार्रवाई के बाद दो अंक पत्रों के सत्यापन पर पूरा वेतन पा रहे शिक्षकों का प्रकरण चर्चा में है। शिक्षकों में अंदरखाने यह चर्चा जोरों पर है कि उनका सत्यापन हुआ तो कई और शिक्षक पकड़ में आ सकते हैं।
जिन शिक्षकों का सत्यापन पूरा नहीं हुआ है, उनमें से अधिकतर की तैनाती कई वर्ष पहले की है। उस समय दो प्रपत्रों के सत्यापन पर वेतन देने का नियम था लेकिन तुरंत अन्य शैक्षणिक प्रपत्रों का आफलाइन सत्यापन मंगाना भी अनिवार्य होता है। बीएसए ने ऐसे शिक्षकों का विवरण तलब किया है, जिनके सभी प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं किया गया है। उम्मीद है कि विवरण आने पर यह संख्या 300 से भी अधिक हो सकती है। 68500 शिक्षक भर्ती के तहत जिन शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, उन्हें सभी अभिलेखों के सत्यापन के बाद ही वेतन मिला है।
सभी को होगा सत्यापन
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह का कहना है कि सभी शिक्षकों के समस्त शैक्षणिक अभिलेखों का सत्यापन कराया जाएगा। ऐसे शिक्षकों का विवरण तलब किया गया है, जिनके अभी तक केवल दो प्रपत्रों का सत्यापन हुआ है।
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