उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती (एपीयरिंग/पेरसुइंग/प्रोफेशनल कोर्स विवाद) उच्चतम न्यायालय वर्डिक्ट 2019:- ओम नारायण तिवारी की कलम से
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📌 *उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती (एपीयरिंग/पेरसुइंग/प्रोफेशनल कोर्स विवाद) उच्चतम न्यायालय वर्डिक्ट 2019*
_*ओम नारायण तिवारी*_ ...
♨ प्रदेश में 2011 से 2018 तक चयनित और नियुक्ति पाये सभी गुरुजनो को उनके अब तक के कर्तव्य निर्वहन और मेहनत के लिए आज गुरु पूर्णिमा पर ईश्वर ने विशेष आशीर्वाद देकर फलीभूत किया है और माननीय उच्चतम न्यायालय ने गुरु पूर्णिमा पर हम् सभी शिक्षकों की सेवाओं कोे बरकरार रखकर सभी गुरुओं को न्यायोचित अनमोल तोहफा दिया है।
♨ चयनित और नियुक्ति पाये अध्यापको के विरुद्ध *अपीरिंग और पेरसुइंग और प्रोफेशनल कोर्स में विज्ञान या गणित विषय को शामिल न होने जैसे मुद्दे* के विवाद का अंत आज माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली से हमेशा के लिए हो गया। आज के पश्चात बीएड के *29334 गणित/विज्ञान जूनियर शिक्षक और बीटीसी के आधार सभी प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां पूरी तरह माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा मान्य हो गयी।*
♨ *न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्र, न्यायमूर्ति अब्दुल नज़ीर और न्यायमूर्ति शाह की 3 जजों की खंडपीठ ने अग्रणी याचिका ओंकार सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार में* बहस के दौरान निम्न बिंदुओं के आधार पर सभी कार्यरत शिक्षकों को सुरक्षित कर दिया। कार्यवाही और न्यायालय के ऑब्जरवेशन के मुख्य विंदु इस प्रकार हैं।👇
👉1. _चूंकि इस पूरे विवाद के प्रकरण में चुनौती 11 जुलाई 2013 में प्रकाशित विज्ञापन 29334 गणित/विज्ञान जूनियर शिक्षक भर्ती को दी गयी थी। अन्य शिक्षक भर्तियां 12448, 15000, 16000, उर्दू भर्ती 41000, इसी से प्रभावित थी। कोर्ट ने पाया और माना कि सभी चयनित और कार्यरत शिक्षक respective विज्ञापन के समय सभी पात्रता पूरी करते थे और शिक्षक भर्ती हेतु पूरी तरह अर्ह थे।_
👉 _2. अगर अभ्यर्थी नौकरी अप्लाई करते समय अर्ह है तो उससे पूर्व यह मायने नही रखता की टेट बीएड/बीटीसी के पास करने से पहले क्वालीफाई किया या बाद में।_
👉 _3. अगर कोई अभ्यर्थी प्रशिक्षण डिग्री बीएड या बीटीसी पूर्ण करने से पहले टेट उत्तीर्ण करता है तो इसका मतलब वह शिक्षक होने के लिए निसंदेह अधिक योग्य है_
👉 _4. प्रोफेशनल विवाद में न्यायमूर्ति अरुण मिश्र जी ने विपक्ष को मुद्दे पर सुनने से मना कर दिया उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी तथ्य पढ़ लिए हैं और नियुक्ति के मानक तय करना नियोक्ता का काम है। प्रोगेशनल कोर्स विवाद में प्रोफेशनल डिग्री धारकों की डिग्री में गणित और विज्ञान विषय को शामिल न होने के कारण ऐसे अभ्यर्थियों के चयन के चुनौती दी गयी थी।_
👉 _5. NCTE की दशा हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक उसी प्रकार हुई जैसा उसका इतिहास रहा है। NCTE के विरोध के बावजूद माननीय न्यायालय उनके तर्कों से संतुष्ट नही दिखा न्यायालय के कहने पर ncte पेरसुइंग को जस्टिफाई नही कर पाई।_
👉 _6. प्रदेश सरकार को नियुक्ति से संबंधित नीतियां स्पष्ट बनाने और उनका कार्यान्यवन स्पष्ट करने के लिए कहा_
👉 _7. हाल में ही हुए विश्व कप क्रिकेट की झलकियां भी माननीय न्यायालय की भाषा मे दिखी अर्थात प्रत्येक परिश्थिति में नियम की स्पष्टता नज़र आये, नीतियों को इस प्रकार राज्य सरकार को निर्धारित करे उनको और अधिक स्पष्ट किया जाए_
🕹 *_अंततः 2011 से इस लड़ाई में सभी अग्रणी संघर्ष शील साथियों के दिन रात अथक श्रम और प्रयास के योगदान से और आप सभी गुरुजनो के सहयोग एवं आशीर्वाद से इस विवाद के लिए अब हमेशा के पूर्णविराम लग गया है और 2011 से शुरू शिक्षक भर्ती के विवाद का युग का अंतअब हो गया है निसंदेह अब हम सभी शिक्षक दिन प्रतिदिन की विभागीय चुनौतियों को छोड़कर अन्य भर्ती विवाद से निश्चिन्त होकर अपना जीवन यापन कर सकते हैं।_*
आप सभी गुरुजनों को सादर आभार🙏
Originally published by https://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/
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📌 *उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती (एपीयरिंग/पेरसुइंग/प्रोफेशनल कोर्स विवाद) उच्चतम न्यायालय वर्डिक्ट 2019*
_*ओम नारायण तिवारी*_ ...
♨ प्रदेश में 2011 से 2018 तक चयनित और नियुक्ति पाये सभी गुरुजनो को उनके अब तक के कर्तव्य निर्वहन और मेहनत के लिए आज गुरु पूर्णिमा पर ईश्वर ने विशेष आशीर्वाद देकर फलीभूत किया है और माननीय उच्चतम न्यायालय ने गुरु पूर्णिमा पर हम् सभी शिक्षकों की सेवाओं कोे बरकरार रखकर सभी गुरुओं को न्यायोचित अनमोल तोहफा दिया है।
♨ चयनित और नियुक्ति पाये अध्यापको के विरुद्ध *अपीरिंग और पेरसुइंग और प्रोफेशनल कोर्स में विज्ञान या गणित विषय को शामिल न होने जैसे मुद्दे* के विवाद का अंत आज माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली से हमेशा के लिए हो गया। आज के पश्चात बीएड के *29334 गणित/विज्ञान जूनियर शिक्षक और बीटीसी के आधार सभी प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां पूरी तरह माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा मान्य हो गयी।*
♨ *न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्र, न्यायमूर्ति अब्दुल नज़ीर और न्यायमूर्ति शाह की 3 जजों की खंडपीठ ने अग्रणी याचिका ओंकार सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार में* बहस के दौरान निम्न बिंदुओं के आधार पर सभी कार्यरत शिक्षकों को सुरक्षित कर दिया। कार्यवाही और न्यायालय के ऑब्जरवेशन के मुख्य विंदु इस प्रकार हैं।👇
👉1. _चूंकि इस पूरे विवाद के प्रकरण में चुनौती 11 जुलाई 2013 में प्रकाशित विज्ञापन 29334 गणित/विज्ञान जूनियर शिक्षक भर्ती को दी गयी थी। अन्य शिक्षक भर्तियां 12448, 15000, 16000, उर्दू भर्ती 41000, इसी से प्रभावित थी। कोर्ट ने पाया और माना कि सभी चयनित और कार्यरत शिक्षक respective विज्ञापन के समय सभी पात्रता पूरी करते थे और शिक्षक भर्ती हेतु पूरी तरह अर्ह थे।_
👉 _2. अगर अभ्यर्थी नौकरी अप्लाई करते समय अर्ह है तो उससे पूर्व यह मायने नही रखता की टेट बीएड/बीटीसी के पास करने से पहले क्वालीफाई किया या बाद में।_
👉 _3. अगर कोई अभ्यर्थी प्रशिक्षण डिग्री बीएड या बीटीसी पूर्ण करने से पहले टेट उत्तीर्ण करता है तो इसका मतलब वह शिक्षक होने के लिए निसंदेह अधिक योग्य है_
👉 _4. प्रोफेशनल विवाद में न्यायमूर्ति अरुण मिश्र जी ने विपक्ष को मुद्दे पर सुनने से मना कर दिया उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी तथ्य पढ़ लिए हैं और नियुक्ति के मानक तय करना नियोक्ता का काम है। प्रोगेशनल कोर्स विवाद में प्रोफेशनल डिग्री धारकों की डिग्री में गणित और विज्ञान विषय को शामिल न होने के कारण ऐसे अभ्यर्थियों के चयन के चुनौती दी गयी थी।_
👉 _5. NCTE की दशा हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक उसी प्रकार हुई जैसा उसका इतिहास रहा है। NCTE के विरोध के बावजूद माननीय न्यायालय उनके तर्कों से संतुष्ट नही दिखा न्यायालय के कहने पर ncte पेरसुइंग को जस्टिफाई नही कर पाई।_
👉 _6. प्रदेश सरकार को नियुक्ति से संबंधित नीतियां स्पष्ट बनाने और उनका कार्यान्यवन स्पष्ट करने के लिए कहा_
👉 _7. हाल में ही हुए विश्व कप क्रिकेट की झलकियां भी माननीय न्यायालय की भाषा मे दिखी अर्थात प्रत्येक परिश्थिति में नियम की स्पष्टता नज़र आये, नीतियों को इस प्रकार राज्य सरकार को निर्धारित करे उनको और अधिक स्पष्ट किया जाए_
🕹 *_अंततः 2011 से इस लड़ाई में सभी अग्रणी संघर्ष शील साथियों के दिन रात अथक श्रम और प्रयास के योगदान से और आप सभी गुरुजनो के सहयोग एवं आशीर्वाद से इस विवाद के लिए अब हमेशा के पूर्णविराम लग गया है और 2011 से शुरू शिक्षक भर्ती के विवाद का युग का अंतअब हो गया है निसंदेह अब हम सभी शिक्षक दिन प्रतिदिन की विभागीय चुनौतियों को छोड़कर अन्य भर्ती विवाद से निश्चिन्त होकर अपना जीवन यापन कर सकते हैं।_*
आप सभी गुरुजनों को सादर आभार🙏
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