योगी सरकार में अपना भविष्य असुरक्षित महसूस कर के यूपी का हर एक पीड़ित शिक्षामित्र आत्महत्या करने के लिए हो रहा है विवश*?
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*जैसा कि शीर्ष अदालत से समायोजन निरस्त होने से अब तक 1700/-से अधिक पीड़ित शिक्षामित्रो ने आत्महत्या कर ली है और निरन्तर दो से तीन नियमित पीड़ित शिक्षामित्र आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन अफसोस प्रदेश में बाबा जी सरकार के पास उक्त पीड़ितों के लिए सहानुभूति के दो शब्द भी नहीं है जो कि असीमित पीड़ादायक परिलक्षित होती हैं*?
*बहरहाल प्रदेश में योगी सरकार का गठन हुए 2.5 वर्ष से अधिक हो रहे हैं एवं अभी भी उक्त सरकार का कार्यकाल लगभग 2.5 वर्ष बचा हुआ, फिर भी उक्त पीड़ितों के लिए योगी सरकार ने अभी तक इनके भविष्य को सुरक्षित करने हेतु कोई भी स्थायी पालिसी बनाने में शत प्रतिशत असफल रही हैं, फिलहाल यूपी का हर पीड़ित शिक्षामित्र स्वयं अपना भविष्य संवारने के लिए कोर्ट कचहरी से लेकर योगी सरकार के मंत्रियों के दरबार में दीनतापूर्वक आग्रह करके संघर्ष कर रहा है, लेकिन अभी तक कहीं से भी उम्मीद की एक भी किरण परिलक्षित होती दिखाई नहीं दे रही हैं, अब तो केवल उक्त पीड़ितों को विधानसभा चुनाव - 2022 कि तिथि की घोषणा होने के पूर्व ही वश कोई न कोई चमत्कार होने की उम्मीद से अपने आपको खुश रखने के लिए प्रयत्नशील होना पड़ रहा है*?
उक्त परिस्थिति एवं पीड़ा के साथ
*जय महाकाल*
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*जैसा कि शीर्ष अदालत से समायोजन निरस्त होने से अब तक 1700/-से अधिक पीड़ित शिक्षामित्रो ने आत्महत्या कर ली है और निरन्तर दो से तीन नियमित पीड़ित शिक्षामित्र आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन अफसोस प्रदेश में बाबा जी सरकार के पास उक्त पीड़ितों के लिए सहानुभूति के दो शब्द भी नहीं है जो कि असीमित पीड़ादायक परिलक्षित होती हैं*?
उक्त परिस्थिति एवं पीड़ा के साथ
*जय महाकाल*