बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती
के तहत चौथे चरण का आवेदन जल्द लिया जाएगा। इसमें बाह्य प्रदेश से डीएलएड व
समकक्ष डिग्री लेने वालों के साथ ही उन नौ अभ्यर्थियों को भी मौका मिलेगा
जो पुनर्मूल्यांकन में पास हुए हैं। शासन ने आवेदन लेने की अनुमति दे दी है
और सोमवार को बेसिक शिक्षा परिषद व एनआईसी के अफसरों के बीच बैठक होनी है।
माना जा रहा है कि एक सप्ताह में आवेदन शुरू हो जाएंगे। 68500 शिक्षक भर्ती 9 जनवरी 2018 को शुरू हुई थी। 27 मई को लिखित परीक्षा हुई और 13 अगस्त 2018 को परिणाम घोषित किया गया। जिसमें 41556 अभ्यर्थी सफल थे।
भर्ती की शर्त के अनुसार अभ्यर्थियों को आवेदन के पांच साल पहले से यूपी का निवासी होना अनिवार्य था। हालांकि भर्ती के लिए उन सैकड़ों अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया जिन्होंने दूसरे राज्यों से प्रशिक्षण किया था और यूपी में पांच साल निवास की शर्त पूरी नहीं करते थे।
परिणाम घोषित होने के बाद कई अभ्यर्थियों ने पांच साल निवास की बाध्यता को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों को इस शर्त के साथ एक से तीन सितंबर 2018 तक आयोजित काउंसिलिंग में शामिल होने की अनुमति दी कि उन्हें नियुक्ति पत्र याचिका के फैसले के बाद दिए जाएंगे।
8 मई 2019 को उच्च न्यायालय ने पांच साल निवास की शर्त को असंवैधानिक मानते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के क्रम में उप सचिव बेसिक शिक्षा परिषद अनिल कुमार ने 5 जुलाई को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया था। लेकिन तमाम अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने पांच साल निवास की शर्त के कारण आवेदन ही नहीं किया था।
उच्च न्यायालय के आदेश पर इन्हीं अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लेते हुए नियुक्ति दी जानी है। सचिव रूबी सिंह का कहना है कि शासन से अनुमति मिल गई है। सोमवार को एनआईसी के अफसरों के साथ बैठक के बाद आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी। एक सप्ताह के अंदर आवेदन लेने की तैयारी है।
माना जा रहा है कि एक सप्ताह में आवेदन शुरू हो जाएंगे। 68500 शिक्षक भर्ती 9 जनवरी 2018 को शुरू हुई थी। 27 मई को लिखित परीक्षा हुई और 13 अगस्त 2018 को परिणाम घोषित किया गया। जिसमें 41556 अभ्यर्थी सफल थे।
भर्ती की शर्त के अनुसार अभ्यर्थियों को आवेदन के पांच साल पहले से यूपी का निवासी होना अनिवार्य था। हालांकि भर्ती के लिए उन सैकड़ों अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया जिन्होंने दूसरे राज्यों से प्रशिक्षण किया था और यूपी में पांच साल निवास की शर्त पूरी नहीं करते थे।
परिणाम घोषित होने के बाद कई अभ्यर्थियों ने पांच साल निवास की बाध्यता को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों को इस शर्त के साथ एक से तीन सितंबर 2018 तक आयोजित काउंसिलिंग में शामिल होने की अनुमति दी कि उन्हें नियुक्ति पत्र याचिका के फैसले के बाद दिए जाएंगे।
8 मई 2019 को उच्च न्यायालय ने पांच साल निवास की शर्त को असंवैधानिक मानते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के क्रम में उप सचिव बेसिक शिक्षा परिषद अनिल कुमार ने 5 जुलाई को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया था। लेकिन तमाम अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने पांच साल निवास की शर्त के कारण आवेदन ही नहीं किया था।
उच्च न्यायालय के आदेश पर इन्हीं अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लेते हुए नियुक्ति दी जानी है। सचिव रूबी सिंह का कहना है कि शासन से अनुमति मिल गई है। सोमवार को एनआईसी के अफसरों के साथ बैठक के बाद आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी। एक सप्ताह के अंदर आवेदन लेने की तैयारी है।