यूपी में विगत 10 माह से अधिक होने को आये पर 69000 शिक्षक भर्ती के लंबित मुद्दे हल न हो सके, अब एक बार फिर रविवार को अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन ट्विट्टर पर आन्दोलन छेड़ दिया। लगभग 1 लाख 66 हजार ट्वीट्स के साथ #69000TeacherVacancy ट्विटर पर लंबे समय तक टॉप ट्रेंड में आ गया.
आपकी जानकारी को हम बता दें कि 6 जनवरी 2019 को संपन्न हुई इस 69 हजार शिक्षक भर्ती की परीक्षा में 4.10 लाख अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया था। इसके बाद 7 जनवरी को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा कट ऑफ निर्धारित किया गया, उसके बाद दूसरे धड़े ने जो सरकार द्वारा तय मानक पर उत्तर कुंजी के आधार पर असफल हुए उन्होंने मामले को न्यायालय में चुनौती दे दी। तबसे मामला कोर्ट में लंबित है.
इससे पहले भी इन अभ्यर्थियों ने इस मुद्दे को ट्विटर को उठाया था. और कुछ बात बनी लेकिन समाधान न निकल सका.
69000 शिक्षक भर्ती के ट्वीट कर रहे पीड़ित अभ्यर्थियों ने यह भी मांग की कि उनके तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शिवेंद्र प्रताप सिंह, राघवेन्द्र प्रताप सिंह और रवि पाण्डेय की मुलाकात मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ जी से कराई जाए, जिससे वे वार्ता कर सीएम योगी के संज्ञान में मामले को ला सकें। ६९००० शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों की यह भी मांग थी कि मामले की अंतिम निर्णायक बहस यूपी के महाधिवक्ता से संपन्न करा कर केस को मजबूती प्रदान की जाए। अभ्यर्थियों ने ट्विटर पर लिखा कि 1 वर्ष होने वाला है, उन्हें कोर्ट से सिर्फ तारीख पर तारीख मिल रही है। अभ्यर्थियों का आरोप था कि प्रदेश की योगी सरकार इनकी समस्याओं पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है।इसीलिए मामला कोर्ट में लंबित है.
आपकी जानकारी को हम बता दें कि 6 जनवरी 2019 को संपन्न हुई इस 69 हजार शिक्षक भर्ती की परीक्षा में 4.10 लाख अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया था। इसके बाद 7 जनवरी को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा कट ऑफ निर्धारित किया गया, उसके बाद दूसरे धड़े ने जो सरकार द्वारा तय मानक पर उत्तर कुंजी के आधार पर असफल हुए उन्होंने मामले को न्यायालय में चुनौती दे दी। तबसे मामला कोर्ट में लंबित है.
इससे पहले भी इन अभ्यर्थियों ने इस मुद्दे को ट्विटर को उठाया था. और कुछ बात बनी लेकिन समाधान न निकल सका.
69000 शिक्षक भर्ती के ट्वीट कर रहे पीड़ित अभ्यर्थियों ने यह भी मांग की कि उनके तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शिवेंद्र प्रताप सिंह, राघवेन्द्र प्रताप सिंह और रवि पाण्डेय की मुलाकात मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ जी से कराई जाए, जिससे वे वार्ता कर सीएम योगी के संज्ञान में मामले को ला सकें। ६९००० शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों की यह भी मांग थी कि मामले की अंतिम निर्णायक बहस यूपी के महाधिवक्ता से संपन्न करा कर केस को मजबूती प्रदान की जाए। अभ्यर्थियों ने ट्विटर पर लिखा कि 1 वर्ष होने वाला है, उन्हें कोर्ट से सिर्फ तारीख पर तारीख मिल रही है। अभ्यर्थियों का आरोप था कि प्रदेश की योगी सरकार इनकी समस्याओं पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है।इसीलिए मामला कोर्ट में लंबित है.