कुछ मोबाइल कम्पनी बन्द हो गईं, नतीजा नंबर बेकार हो गया। कुछ लोगों का फोन गुम गया, इसके अलावा भी अलग अलग वजहों से बहुतों के नम्बर बेकार हो गए।
आज लगभग हजारों लोग बिना वजह इतनी बड़ी सजा भुगत रहे हैं कि 69 हजार भर्ती में आवेदन भी नहीं कर पा रहे।
◼️ 69 हजार की जब लिखित परीक्षा का फॉर्म भरा गया तब हजारों ऐसे लोगो ने भी फॉर्म भर दिया जिनका प्रशिक्षण पूरा नहीं हुआ था या फिर बैक लग गई थी। ऐसे लोगों को बाहर नहीं किया गया और अब सबने डिस्ट्रिक अलॉटमेंट के फॉर्म भर दिए। अगर ये सब चयनित हुए तो बाद में काउंसिलिंग के समय बाहर हो जाएंगे लेकिन तब ऐसे सभी लोगों के वो हजारों पद ऐसे ही बेकार चले जाएंगे।
◼️ 12460 भर्ती में भी 7 हजार सीट खाली पड़ी हैं, अगर सरकार चाह लेती तो कोर्ट में एक एप्लिकेशन मूव करके जल्द सुनवाई कराते हुए इन पदों को भर सकती थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सरकार अब भी चाह ले तो जुलाई में ये पद भी भर सकते हैं। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं।
खैर, इन सब चीज़ों का दंश वह बेरोजगार झेलता है जिसकी इस सब में कोई गलती नहीं। लेकिन ये लालफीताशाही है, जो दसकों से ऐसे ही चली आ रही है और चलती रहेगी। कोई पूछने वाला नहीं, कोई सुनने वाला नहीं, और इस सबके बीच वो बेरोजगार इसे ही अपना भाग्य मानते हुए सहने की आदत भी डाल चुका है।
आखिर हर कोई इन कोर्ट कचहरी के चक्कर में पड़ना भी नहीं चाहता क्यूंकि कोर्ट जाते ही किसी किसी को दरवाजे पर न्याय नहीं मिलता, बहुत लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।
#केडी