कर्मचारी संगठनों ने कहा हड़ताल का नोटिस नहीं फिर भी लगाया एस्मा, सरकार के रवैये पर नाराजगी
लखनऊ। कर्मचारी संगठनों ने 'एस्मा' लगाने को हवा में तीर चलाने जैसा बताया कहा कि कोरोना संकट में कर्मचारी, शिक्षक व चिकित्सक सहित सभी वर्ग पूरी तरह सरकार का सहयोग कर रहे हैं। किसी ने हड़ताल की नोटिस भी नहीं दिया है। भत्तों की कटौती से नाराजगी के बावजूद लगातार काम करते रहने की घोषणा की है। ऐसे में इस कानून को लगाने का मतलब कार्मिकों को अकारण चुनौती देना है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि वित्त विभाग के अफसर सरकार को गुमराह कर रहे हैं। जब किसी संगठन ने हड़ताल का नोटिस ही नहीं दिया तो एस्मा लगाने का क्या मतलब है। वहीं, कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति के प्रवक्ता बीएल कुशवाहा ने कहा कि काली पट्टी बांधना सांकेतिक विरोध है। अन्य संगठनों ने भी सरकार के निर्णय पर नाराजगी जताई है।