89 शिक्षकों-कर्मचारियों की नियुक्ति अमान्य, शिक्षक और कर्मचारियों से रिकवरी के आदेश आए

शिक्षा विभाग की ओर से अमान्य घोषित 89 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियां राजधानी के 13 सरकारी सहायता प्राप्त बालिका विद्यालय में की गई हैं। यह सभी नियुक्तियां तीन साल पहले की गई हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक (प्रथम) डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने सभी स्कूल प्रबंधकों से इनके बारे में जानकारियां तलब की हैं। आपके अपने अखबार “हिन्दुस्तान” ने सोमवार के अंक में इस प्रकरण को प्रमुखता से उठाया था।


इन 13 स्कूलों के प्रबंधनों को भेजा है नोटिस
बता दें, राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत 89 शिक्षकों की नियुक्तियों को निरस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई है। इन नियुक्तियों में नियमों की अनदेखी किए जाने की पुष्टि हुई है। निदेशालय की ओर से इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा -16 ई(10) के तहत इन सभी अनियमित नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने डीआईओएस (द्वितीय) नन्द कुमार से इन सभी नियुक्तियों को निरस्त करने का प्रस्ताव मांगा है। डीआईओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि इन शिक्षक और कर्मचारियों से रिकवरी के आदेश आए हैं। नोटिस भेजी गई है।

89 शिक्षक और कर्मचारियों की नियुक्ति निरस्त किए जाने की कार्रवाई का विरोध करते हुए शिक्षक और कर्मचारियों ने सोमवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर हंगामा किया। इनका कहना है कि उनकी नियुक्तियां शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के अनुमोदन के बाद ही हुई है। शिक्षकों का कहना है कि शासनादेशों के अनुरूप संयुक्त शिक्षा निदेशक और अन्य उच्च अधिकारियों के अनुमोदन पर ही नियुक्तियां की गई हैं। इसी प्रक्रिया से कई अन्य विद्यालयों में भी नियुक्तियां की गई हैं। लेकिन, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने शिक्षा विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।

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