राज्य अध्यापक पुरस्कार-2019:- अध्यापक पुरस्कार हेतु पुनरीक्षित नियमावली/दिशा निर्देश एवं समय सीमा
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राज्य अध्यापक पुरस्कार-2019
अध्यापक पुरस्कार हेतु पुनरीक्षित नियमावली/दिशा निर्देश एवं समय सीमा
शिक्षकों के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार की व्यवस्था का उद्देश्य प्रदेश एवं जनपदों के सर्वोत्तम शिक्षकों के अनुपम योगदान को प्रोत्साहित करना है एवं उन शिक्षकों को सम्मानित करना है जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता एवं परिश्रम के माध्यम से न केवल विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में अपना योगदान दिया है बल्कि उन्होंने अपने विद्यार्थियों के जीवन को समृद्धशाली भी बनाया है |
राज्य अध्यापक पुरस्कार वर्ष 2019 में परिषदीय प्राथमिक / उच्च प्राथमिक विद्यालयों / अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में कार्यरत अध्यापक/अध्यापिकाओं के चयन हेतु ऑनलाइन वेब पोर्टल www.prernaup.in के माध्यम से आवेदन पत्र दिनांक 01 जून से 30 जून 2020 तक आमंत्रित किए जाते हैं |
पुरस्कार हेतु शिक्षकों की अर्हता एवं शर्तें:-
1- उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों तथा अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में कार्यरत् अध्यापक /अध्यापिकाएं |
2- अवकाश प्राप्त / सेवा निवृत्त शिक्षक पुरस्कार के लिए अर्ह नहीं हैं |
3- शैक्षिक प्रशासक, विद्यालय निरीक्षक एवं प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं के प्रशिक्षक इस पुरस्कार के लिए अर्ह नहीं हैं |
4- शिक्षक व्यक्तिगत ट्यूशन में संलिप्त न हों |
5- शिक्षक की स्थानीय समुदाय में अच्छी छवि हो तथा शिक्षक द्वारा समाज, अभिभावकों, विद्यार्थियों आदि को उत्प्रेरित करने का कार्य किया गया हो जिससे कि वे विद्यालय के विकास में योगदान दें |(जैसे- भौतिक, मूल रूप सुविधाएं, कंप्यूटर मध्याह्न भोजन, कोष/धन किताबें आदि)
6- शिक्षक की शैक्षिक क्षमता एवं उसमें सुधार किए जाने की चेष्टा |
7- समुदाय में शिक्षक की सहभागिता तथा शैक्षिक नेतृत्व प्रदान किया जाना |
8- बच्चों के प्रति वास्तविक स्नेह रखना |
9- राष्ट्र निर्माण एवं राष्ट्रीय एकता के विकास में शिक्षक का योगदान |
10- केवल नियमित शिक्षक इस पुरस्कार के लिए अर्ह होंगे |
11- संविदा शिक्षक एवं शिक्षा मित्र इस पुरस्कार के लिए अर्ह नहीं होंगे |
12- शिक्षक के सेवा अभिलेख उत्कृष्ट श्रेणी के हों |
शिक्षकों के चयन हेतु अन्य विचारणीय बिंदु:-
1- विद्यालय में नामांकन बढ़ाने तथा Drop out घटाने के उपाय किए हों| इस प्रसंग में गत पांच वर्षों का नामांकन क्या रहा, उल्लिखित किया जाय| UDISE से सत्यापन कर लिया जाए (साक्ष्य संलग्न किए जाए)|
2- पिछले 05 वर्षों में आलेख्य पेपर्स, पुस्तकों आदि का प्रादेशिक, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन, पाठ्य-पुस्तक, अध्यापक हैण्ड बुक,प्रक्षिक्षण मॉड्यूल आदि के विकास में योगदान|
3- आई०सी०टी० आधारित अभिनव प्रयोग जैसे ई-कन्टेंट, मोबाइल एप्प,ऑडियो, वीडियो स्वरुप में शिक्षण सामग्री का निर्माण|
4- शिक्षक ने अपनी शैक्षिक /व्यावसायिक दक्षता को बढ़ाने का प्रयत्न किया हो, उच्चतर शिक्षा, परास्नातक, पीएचडी डिग्री सेवा में आने के उपरांत प्राप्त की गई हो तथा सेवारत प्रशिक्षणों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया गया हो|
5- इस आशय का प्रमाण हो कि शिक्षक पढ़ाने के पूर्व पर्याप्त तैयारी अर्थात पाठ्य योजना निर्माण, सहायक शिक्षण सामग्री निर्माण करते हों तथा दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध सामग्री का कितना उपयोग किया गया|
6- अध्यापक / अध्यापिका का शिक्षक / प्रशिक्षक के रूप में सराहनीय योगदान रहा है| शिक्षण विधि, टी०एल०एम० के लिए शिक्षक जनपद/राज्य स्तर पर पुरस्कृत हों |
7- विद्यालय के बच्चों ने पाठ्य सहगामी क्रिया कलापों-क्रीड़ा प्रतियोगिता, रेडक्रॉस, स्काउट एवं गाइड में जनपद/मण्डल/राज्य स्तर पर पुरस्कार प्राप्त किया हों |
8- समुदाय के सहयोग से विद्यालय के भौतिक संसाधनों में अभिवृद्धि की गई हो|
राज्य चयन समिति द्वारा शिक्षकों का मूल्यांकन, मूल्यांकन मैट्रिक्स (जो कि अनुलग्नक-1 के रूप में दिया गया है) एवं प्रस्तुतीकरण/ साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा| मूल्यांकन हेतु मूल्यांकन मैट्रिक्स के तीन भाग हैं|
1-वस्तुनिष्ठ मानक:-
इसके अंतर्गत शिक्षकों को प्रत्येक वस्तुनिष्ठ मानक के सापेक्ष अंक प्रदान किये जायेंगे| इन मानकों को 60 अंकों का अधिभार प्रदान किया जाएगा|
2-प्रदर्शन आधारित (कार्य परक) मानक:-
इसके अंतर्गत शिक्षकों को कार्य के मानक के आधार पर अंक प्रदान किए जाएंगे| जैसे- अधिगम संप्राप्ति में सुधार हेतु उठाए गए कदम, शिक्षण में अभिनव प्रयोग, पाठ्य सहगामी एवं पाठ्येत्तर गतिविधियों का आयोजन, शिक्षण अधिगम सामग्री, सामाजिक गतिशीलता, अनुभव के आधार पर शिक्षण अधिगम, विद्यार्थियों के लिए शारीरिक प्रशिक्षण सुनिश्चित करने हेतु अनूठे तरीके एवं राज्य /राष्ट्रीय स्तर पर कोई अन्य उपलब्धि/ पुरस्कार/ प्रमाण-पत्र इत्यादि| इन सभी मानकों के लिए 40 अंकों का अधिभार प्रदान किया जाएगा|
3- उक्त के अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण साक्षात्कार हेतु 20 अंक निर्धारित हैं|
आवेदन एवं चयन की प्रक्रिया:-
1- सभी आवेदन निर्धारित ऑनलाइन 'प्रेरणा' वेब पोर्टल (www.prernaup.in) के माध्यम से स्वीकार किए जाएंगे|
2- शिक्षक द्वारा स्वयं प्रत्यक्ष रूप से निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत 'प्रेरणा' वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा |
3- आवेदन पत्र के साथ ऑनलाइन पोर्टफोलियो दाखिल किया जाएगा| पोर्टफोलियो में कार्य से संबंधित सामग्री जैसे कि अभिलेख, टूल्स, गतिविधियों की सूचना, फील्ड भ्रमण, फोटो, ऑडियो या वीडियो सम्मिलित है|
4- प्रत्येक आवेदक इस आशय का शपथ पत्र दाखिल करेगा कि उसके द्वारा उपलब्ध करायी गयी प्रत्येक सूचना/डाटा उसके सर्वोत्तम ज्ञान के अनुसार सत्य और विश्वसनीय है और यदि किसी भी समय सूचना/डाटा गलत पाया गया तो उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी|
5- ऐसे शिक्षक के संबंध में विचार नहीं किया जाएगा जो जेल में निरुद्ध रहे हों अथवा विभागीय कार्रवाई के अंतर्गत दण्डित हुए हों अथवा विरुध्द किसी न्यायालय द्वारा दंडित किए गए हों |
6- संस्तुत किए गए शिक्षक के संबंध में यह भी ध्यान रखना होगा कि किसी भी ऐसे कृत्य में सहभागी न रहे हों यथा शासकीय धनराशि का गबन, शासन, प्रशासन के विरुद्ध आंदोलन हेतु प्रेरित करना आदि|
7- यह भी देखा जाएगा कि संबंधित शिक्षक के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही गतिमान तो नहीं है अथवा उनके विरुद्ध कोई विधिक/ आपराधिक / सतर्कता की जांच की कार्यवाही लंबित तो नहीं है|
8- नियमित सेवा के पूर्व तदर्थ सेवाएँ तथा विच्छेदित सेवाएं बगैर मर्षण (कंडोन) के ही नियमित सेवा के रूप में जोड़कर राज्य अध्यापक पुरस्कार हेतु संस्तुतियां की जाए | इसके अतिरिक्त यह भी उल्लेखनीय है कि अध्यापकों के पुरस्कार के संबंध में यह अवश्य सुनिश्चित कर लिया जाए कि यदि शिक्षक ने अवकाश का उपयोग अनियमित ढंग से किया हो तो पुरस्कार हेतु उसके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा| संपूर्ण सेवा की गणना करते हुए यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि नियमित सेवा दो अंतराल में है तो उसका मर्षण (कंडोन) हुआ है अथवा नहीं | मर्षण (कंडोन) से संबंधित आदेश की प्रति अनिवार्य रूप से संलग्न की जाय|
9- राज्य अध्यापक पुरस्कार हेतु आवेदन करने वाले शिक्षकों की सूची निदेशालय द्वारा संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराई जाएगी| उन शिक्षकों का चरित्र, विशिष्ट शैक्षिक उपलब्धियों, नियमित उपस्थिति, उनके द्वारा नवाचार, स्थानीय क्षेत्र में उनकी सामान्य छवि, सामाजिक सहभागिता इत्यादि कार्यों का संक्षिप्त विवरण जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से राज्य स्तरीय चयन समिति को प्रेषित किया जाएगा| उक्त विवरण के साथ यह भी स्पष्ट किया जाए कि शिक्षक की सेवाएं उत्कृष्ट श्रेणी की रहीं है एवं उसके विरुद्ध कोई प्रशासनिक /विधिक/ आपराधिक/सतर्कता की जाँच अथवा कार्यवाही लंबित नहीं है| बिना प्रमाण पत्र के आवेदन पत्र ग्राह्य नहीं होगा|
10- राज्य चयन समिति के कार्य:-
क- शिक्षकों से ऑनलाइन प्राप्त आवेदन पत्रों का परीक्षण कर मूल्यांकन करेगी|
ख- आवेदक राज्य चयन समिति से समक्ष अपना साक्षात्कार/प्रस्तुतीकरण देगा|
ग- आवेदन पत्रों के मूल्यांकन के उपरांत जनपदवार सर्वोत्तम अभ्यर्थियों के चयन की संस्तुति करेगी तथा चयन सूची अनुमोदनार्थ शासन को प्रेषित की जाएगी तथा शासन से अनुमोदनोंपरांत सार्वजनिक की जाएगी |
कु० (गायत्री)
अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक)
कृते शिक्षा निदेशक (बेसिक)
उ०प्र०, प्रयागराज |