बिना बताए कर डाली सैकड़ों की शिक्षकों की नियुक्तियां

प्रदेशभर के 4300 से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रबंधकों और अफसरों की साठगांठ से शिक्षकों की नियुक्ति का मामला प्रकाश में आया है। इन स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों की सूचना प्रबंधकों से लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को भेजते हैं और फिर चयन बोर्ड लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के बाद चयन करते हुए स्कूल आवंटित करता है।

पिछले दो दशक में 14 जिलों के डीआईओएस ने रिक्त 271 पदों की सूचना चयन बोर्ड को न भेजकर रुपये लेकर बैकडोर शिक्षकों की एडहॉक नियुक्ति करवाई और फिर सालों भर्ती न होने का आधारहीन आरोप चयन बोर्ड पर लगाते हुए एडहॉक शिक्षकों को नियमित करने को याचिकाएं हाईकोर्ट में कर दी। संजय सिंह के ऐसे ही एक केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान 14 जिलों के डीआईओएस ने शिक्षा निदेशालय को यह जानकारी दी है कि रिक्त पदों की सूचना चयन बोर्ड को भेजी गई थी। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पास इन रिक्त पदों के मिलने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। उपसचिव नवल किशोर ने 22 जुलाई को बस्ती, मऊ, प्रतापगढ़, रायबरेली,, सुल्तानपुर, वाराणसी, जौनपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, गोंडा, अमेठी, आजमगढ़ और जौनपुर के डीआईओएस को पत्र लिखकर रिक्त पदों की भेजी गई सुचना के संबंध में जवाब मांगा है । पूछा है कि ये अधियाचन किस माध्यम से भेजे गए हैं उसका संदर्भ एवं प्राप्ति रसीद की प्रति बोर्ड को ई-मेल पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।