इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान अवमानना प्रक्रिया के तहत दिए गए अंतरिम आदेश के विरुद्ध अंतर न्यायालीय अपील पोषणीय नहीं है।
ऐसी अपील सिर्फ अवमानना याचिका पर अंतिम निर्णय के विरुद्ध या अवमानना की सुनवाई के दौरान मूल विवाद की याचिका पर किसी निर्णय के खिलाफ ही दाखिल की जा सकती है।
रूप सिंह बनाम विजय कुमार जौहरी व अन्य के मामले में दाखिल विशेष अपील खारिज करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति डा. योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है। याची ने अवमानना याचिका पर पारित अंतरिम आदेश को विशेष अपील में चुनौती दी थी। कोर्ट का कहना था कि यह अंतरिम आदेश अवमानना याचिका की सुनवाई के क्रम में पारित किया गया है। इसलिए इसके विरुद्ध विशेष अपील नहीं दाखिल हो सकती है।
अवमानना याचिका पर यदि हाईकोर्ट किसी को दंडित करता है या छोड़ देता है तो उसके खिलाफ विशेष अपील दाखिल हो सकती है। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट अवमानना के क्षेत्राधिकार के तहत सुनवाई करते समय मूल विवाद को लेकर कोई निर्णय या आदेश नहीं दे सकता है। यदि ऐसा आदेश हुआ है तो उसे विशेष अपील में चुनौती दी जा सकती है।