सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के सवर्ण गरीबों को आर्थिक आधार पर नौकरियों व स्कूल-कालेज में प्रवेश के लिए दस फीसद आरक्षण देने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को पांच जजों की संविधान पीठ को सौंप दिया है।
मुख्य न्यायाधीश शरद अर¨वद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को यह मामला एक बड़ी बेंच को सौंपते हुए कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले को चुनौती देने वाली 35 याचिकाओं पर सुनवाई अब संविधान पीठ ही करेगी। ‘जनहित अभियान’ व ‘यूथ फॉर इक्वालिटी’ समेत गैर सरकारी संगठनों ने केंद्र सरकार के जनरल केटेगरी के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को दस फीसद आरक्षण देने के फैसले को चुनौती दी है। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र के फैसले पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था। केंद्र सरकार ने इससे पहले अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि संविधान अधिनियम, 2019 के तहत दस फीसद आरक्षण का प्रावधान उन 20 करोड़ लोगों के लिए किया गया है जो जनरल कैटेगरी के हैं और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं।