लखनऊ : शिक्षा के अधिकार कानून के तहत शासन ने कक्षा एक से आठ तक के सभी सरकारी (परिषदीय) व अनुदानित स्कूलों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में 30 नवंबर तक विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी)
गठित कराने का निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिया है। एसएमसी के गठन के लिए स्कूलों में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अभिभावकों की खुली बैठकें होंगी। जिलाधिकारी जिले के हर ब्लॉक के स्कूलों में एसएमसी गठन के लिए ब्लॉकवार तारीखें तय करेंगे। हर ब्लॉक में एसएमसी गठन की कार्यवाही के लिए नोडल अधिकारी नामित करेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इस बारे में रविवार को शासनादेश जारी कर दिया गया है।एसएमसी गठन की बैठक के लिए स्कूल में पढ़ने वाले कम से कम 50 फीसद बच्चों के अभिभावकों/संरक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य है। बैठक में उपस्थित अभिभावकों की उपस्थिति का रिकार्ड रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक या संरक्षक ही एसएमसी के सदस्य चुने जाएंगे। कुल 11 अभिभावक सदस्यों का चुनाव होगा जिसमें 50 फीसद महिलाएं होंगी। सदस्य एसएमसी के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव करेंगे। अध्यक्ष व उपाध्यक्ष में से एक महिला होगी। एसएमसी में एक-एक सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से होगा। स्कूल की हर कक्षा के बच्चे के अभिभावक एसएमसी के सदस्य होंगे।
खंड शिक्षा अधिकारी हर स्कूल में इस आशय की मुनादी कराएंगे कि उनके ब्लॉक में एसएमसी का चुनाव अमुक तारीख को होगा। जिलाधिकारी की ओर से नामित नोडल अधिकारी ब्लॉक के सभी स्कूलों में एसएमसी गठन के लिए जिम्मेदार होंगे और इसकी निगरानी करेंगे।
खुली बैठकों में होगा चुनाव, जिलाधिकारी हर ब्लॉक के लिए नामित करेंगे नोडल अधिकारी