गोरखपुर। संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के कूटरचित अंकपत्रों के सहारे परिषदीय विद्यालयों में नौकरी हासिल करने वाले प्रदेश के 700 से अधिक शिक्षकों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सत्यापन की रिपोर्ट एआईटी को सौंपे जाने के बाद से गोरखपुर के भी 217 शिक्षकों में खलबली मची है।
शासन के निर्देश के बाद से गोरखपुर में संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से स्नातक और शिक्षाशास्त्र की डिग्री हासिल करने वाले शिक्षकों की सूची दो चरणों में एसआईटी को भेजी गई थी। पहले चरण में 193 हाईस्कूल, इंटर, स्नातक और शिक्षाशास्त्र के अंकपत्रों के सत्यापन की सूची एसटीएफ को भेजी गई थी। दूसरे चरण में 144 और दस्तावेज सत्यापन को भेज गए हैं। विभागीय जानकारी के मुताबिक भेजी गई सूची में कई ऐसे भी शिक्षक हैं जिनके हाईस्कूल से लेकर शिक्षाशास्त्र के अंकपत्र सत्यापन के लिए भेजे गए हैं। ऐसे में बर्खास्त होने वाले फर्जी शिक्षकों की फेहरिस्त में गोरखपुर के भी कई शिक्षकों के नाम शामिल हो सकते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में बड़ी संख्या में संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्रीधारी शिक्षक नियुक्ति हैं। चयन के समय विभाग ने इन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया था। एिपोर्ट में व्यापक हेराफेरी की शिकायत मिली थी। इसमें एक शिक्षक का पहले फर्जी फिर बाद में उसका प्रमाणपत्र बैध घोषित कर दिया गया था। इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनी थी। वहां व्यापक पैमाने पर सत्यापन में हेराफरी को देखते ने शासन ने मामले की जांच एसआईटी को सौंपी।तीन साल से जांच कर रही एसआईटी
मामले की जांच एसआईटी पिछले तीन सालों से कर रही है। कई दफा इसे लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारियों से जिले में कार्यरत शिक्षकों की सूची मांगी गई। गोरखपुर के बेसिक शिक्षा विभाग ने 217 शिक्षकों की डिग्री का सत्यापन भेजा है।
जिले में संपूर्णानंद विश्वयिद्यालय से डिग्री हासिल करने वाले शिक्षकों का ब्यौरा बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से मांगा गया था। दो चरणों में रिपोर्ट प्रेषित की गई है। -बीएन सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी