बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण एवं अंतर्जनपदीय म्यूचुअल स्थानांतरण में पुरुष अध्यापकों के लिए पांच वर्ष एवं महिला अध्यापिकाओं के लिए दो वर्ष की सेवा पूरी करने का नियम लागू होने के बाद अधिकांश दावेदार बाहर हो गए।
नियमों में बदलाव के कारण स्थानांतरण की उम्मीद लगाए अभ्यर्थियों के अपने मूल जनपद में लौटने की उम्मीदों को झटका लगा है। प्रदेश में 2011 में पहली बार टीईटी कराने के बाद हुई 72825 शिक्षकों की भर्ती में पहली सूची में शामिल अभ्यर्थी ही पांच वर्ष की सेवा अवधि पूरी कर पाए हैं।बेसिक शिक्षा नियमावली के अनुसार हाईकोर्ट के आदेश पर नई व्यवस्था लागू होने से अंतर्जपदीय स्थानांतरण की उम्मीद लगाए शिक्षकों में निराशा है।
विज्ञान वर्ग के लिए 29000 शिक्षक भर्ती एवं बीटीसी वालों के लिए हुई 14850 शिक्षक भर्ती के पुरुष अभ्यर्थियों को अंतर्जनपदीय स्थानांतरण एवं म्यूचुअल स्थानांतरण का लाभ नहीं मिल सकेगा। शिक्षक भर्ती के लिए साल भर पहले आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि बेसिक शिक्षा परिषद ने आवेदन की तिथि एक वर्ष पूर्व की लिया तो बड़ी संख्या में दूसरे अभ्यर्थी जो इस समय पांच वर्ष और महिला अभ्यर्थी दो वर्ष की अवधि पूरी कर लिए हैं अंतर्जपदीय स्थानांतरण की दावेदारी से बाहर हो जाएंगे।
म्युचुअल स्थानांतरण में पांच वर्ष और तीन वर्ष की अवधि पूरी करने वाले हो गए बाहर
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी नियमावली से पूर्व एक जिले में पांच वर्ष एवं तीन वर्ष की अवधि पूरी करने वाले दो शिक्षकों ने प्रयागराज से बलिया के लिए आवेदन किया था। प्रयागराज के जिस शिक्षक ने म्यूचुअल के लिए आवेदन किया था, वह पांच वर्ष की सेवा पूरी कर चुका था जबकि बलिया से प्रयागराज आने वाले शिक्षक की सेवा मात्र तीन वर्ष की है। अब नया नियम लागू होने के बाद इन अभ्यर्थियों की दावेदारी स्वत: खत्म हो गई। इन अभ्यर्थियों ने दोबारा आवेदन के बारे में जब बात की तो पता चला कि सेवा अवधि कम होने से उन्हें मौका नहीं मिलेगा। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि महिला अध्यापिकाएं जो विवाह के पूर्व स्थानांतरण का लाभ ले चुकी हैं दोबारा स्थानांतरण का लाभ ले सकेंगी।