दो शिक्षिकाओं को बिना अनुमति बांटे 3.31 करोड़,अब विस्तृत विभागीय होगी जांच

 बड़े अफसरों ने मिलकर बिना विभागीय अनुमति के एक ही विद्यालय की दो शिक्षिकाओं को करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया है। निदेशालय ने दो बार में कुल 3.31 करोड़ आवंटित भी कर दिए। इस सनसनीखेज मामले की उच्चस्तरीय जांच हुई तो बलिया के डीआइओएस तथा वित्त व लेखाधिकारी के साथ माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के वित्त नियंत्रक भी फंस गए हैं। राजकोष को करोड़ों रुपये की हानि पहुंचाने में विभागीय जांच के अलावा शासन से स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की संस्तुति की गई है।



बलिया में खेजुरी के श्री अमर संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की दो शिक्षिकाओं को अवशेष भुगतान में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की शिकायतें हुईं। संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ मंडल ने 14 अक्टूबर, 2020 को शासन को अवगत कराया कि जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया की मांग के आधार पर वित्त नियंत्रक माध्यमिक ने 20 सितंबर, 2020 को 1,98,63,476 का भुगतान किया है। इसके पहले बलिया के माध्यमिक शिक्षा के वित्त एवं लेखाधिकारी की मांग पर 27 दिसंबर, 2019 को 1,32,88,985 की रकम आवंटित की गई थी। दोनों धनराशि का भुगतान दो शिक्षिकाओं किरन मिश्र व भारती जायसवाल को करके बड़े पैमाने पर धन का दुरुपयोग किया गया है। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक के पत्र पर विशेष सचिव जयशंकर दुबे ने उच्चस्तरीय जांच का आदेश शिक्षा निदेशक माध्यमिक को दिया।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय ने शासन के निर्देश पर उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की। लखनऊ स्थित व्यावसायिक शिक्षा के शिविर कार्यालय के अपर शिक्षा निदेशक को इसका अध्यक्ष व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, लखनऊ के वित्त नियंत्रक और व्यावसायिक शिक्षा शिविर कार्यालय के उप शिक्षा निदेशक को सदस्य बनाया गया। समिति ने 29 अक्टूबर को जांच आख्या उपलब्ध कराई, जिसमें प्रथम दृष्टया प्रमाणित होता है कि बलिया के डीआइओएस तथा वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, प्रयागराज के वित्त नियंत्रक कार्यालय की ओर से सुनियोजित तरीके से मिलकर कूटरचित बजट आवंटन आदेश तैयार कराया गया।

’>>डीआइओएस बलिया ने एक ही स्कूल की शिक्षिकाओं के नाम की हेराफेरी

’>>उच्चस्तरीय जांच में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के वित्त नियंत्रक भी घेरे में

विस्तृत विभागीय जांच होगी

शिक्षा निदेशक ने दो नवंबर को शासन को पत्र भेजकर इस मामले की विस्तृत विभागीय जांच कराने की संस्तुति की है। जांच आख्या भेजते हुए निदेशक ने लिखा है कि डीआइओएस कार्यालय बलिया व वित्त नियंत्रक कार्यालय प्रयागराज की संलिप्तता व लापरवाही को देखते हुए अधिकारियों व कार्मिकों का उत्तरदायित्व तय करते हुए गहन जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने की संस्तुति की जाती है।