अहम फैसला: प्रदेश के सभी विवि में खुलेंगे मुक्त विवि के अध्ययन केंद्र

 प्रयागराज : उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का अध्ययन केंद्र जल्द ही प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और संबद्ध महाविद्यालयों में भी खुल जाएगा। राजभवन ने इसे मंजूरी दे दी है। साथ ही सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति को पत्र भी भेजा है। इससे दूरस्थ शिक्षा पद्धति को भी बढ़ावा मिलेगा।



कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने बताया कि 18 नवंबर को राजभवन में हुई बैठक में यह प्रस्ताव कुलाधिपति सह राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के समक्ष रखा गया था। इसके बाद कुलसचिव प्रो. जीएस शुक्ल ने राजभवन को पत्र भी भेजा। इसमें कहा गया कि प्रदेश के लगभग सभी विश्वविद्यालयों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विवि (इग्नू) के केंद्र संचालित कर रहे हैं। लेकिन राज्य विवि उत्तर प्रदेश के इकलौते मुक्त राज्य विवि के अध्ययन केंद्र को खोलने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। यह प्रदेश सरकार की मंशा के विपरीत हैं। 2030 तक उच्च शिक्षा में नामांकन अनुपात को 50 फीसद पहुंचाना मुक्त विवि का लक्ष्य है। इसके लिए सभी राज्य विवि में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि और लखनऊ विवि की तरह अपने परिसर में आवश्यक रूप से मुक्त विवि के अध्ययन केंद्र संचालित किए जाने की आवश्यकता है। नया अध्ययन केंद्र खोलने के लिए विवि की वेबसाइट से आवेदन किया जा सकता है। पत्र को संज्ञान में लेते हुए कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी केयूर सी संपत ने प्रदेश के सभी विवि के कुलपति को पत्र भेजा। इसमें कहा कि सभी विवि अपने परिसर में मुक्त विवि के अध्ययन केंद्र संचालित करें। तमाम विवि ने चालू सत्र में अध्ययन केंद्र खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

’>>इग्नू की तर्ज पर राजभवन ने मुविवि को दी वरीयता

’>>सभी विश्वविद्यालय के कुलपति को भेजा गया है पत्र

दूरस्थ शिक्षा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए राजभवन को पत्र भेजा था। इस आदेश का स्वागत है। जल्द ही राज्य विवि में मुक्त विवि का अध्ययन केंद्र खोला जाएगा। महाविद्यालयों में भी यह केंद्र खोलने की तैयारी चल रही है।

- प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह, कुलपति मुक्त विवि एवं प्रभारी कुलपति राज्य विवि।

फीसद लक्ष्य है 2030 तक उच्च शिक्षा में नामांकन अनुपात हो