प्रयागराज : परिषदीय स्कूलों की 69,000 शिक्षक भर्ती में प्रश्नों के जवाब का विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतियोगियों ने शनिवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय का घेराव किया। उनकी मांग है कि जब तक विवाद का निस्तारण न हो, भर्ती के रिक्त पद न भरे जाएं। कोर्ट ने दो माह में निर्णय लेने का आदेश दिया था, लेकिन अब इसको भी पांच माह बीत चुके हैं।
शिक्षक भर्ती की अंतिम उत्तरकुंजी में तीन से चार प्रश्न ऐसे हैं, जिनके दो से अधिक उत्तर हैं। विवादित प्रश्नों को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने तीन जून, 2020 को भर्ती प्रक्रिया पर रोक भी लगा दी थी, जबकि दो जजों की पीठ ने भर्ती पर लगी रोक को हटा लिया था। प्रकरण शीर्ष कोर्ट पहुंचा, वहां से उत्तरकुंजी से संबंधित सभी याचिकाओं को टैग कर जुलाई, 2020 में दो जजों की पीठ को विवादित प्रश्नों की जांच कर दो माह में उत्तरकुंजी के मामले निस्तारण करने का निर्देश दिया गया। इस पर अब तक कोई फैसला नहीं आया है, जबकि शिक्षक भर्ती अंतिम दौर में है। प्रतियोगियों ने ऐसे में निर्णय आने के बाद ही तीसरी काउंसिलिंग कराने की मांग की है। इसे लेकर शनिवार को अभिषेक श्रीवास्तव के नेतृत्व में परीक्षा संस्था का घेराव हुआ और सचिव को ज्ञापन सौंपा गया है। इसमें अमित यादव, अखिलेश, नवीन यादव, विवेक द्विवेदी, अनीता व कृष्णा सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।
20वें दिन दिव्यांगों ने बांधी काली पट्टी : 69,000 शिक्षक भर्ती में दिव्यांगों को आरक्षण का लाभ ठीक से न दिए जाने के विरोध में प्रदेश भर के दिव्यांग बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलन के 20वें दिन दिव्यांगों ने काली पट्टी बांधकर नारेबाजी की और प्रकरण का जल्द निस्तारण करने की मांग की। सर्वदलीय व पूर्व पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल दिव्यांगों से मिलकर समर्थन देने का ऐलान किया।