आकांक्षी जनपद वाले अध्यापकों को ये समझना होगा कि जब तक आकांक्षी जनपद से जितने आएंगे उतने जायेगे का नियम नही खत्म होगा वो लाभ से वंचित रहेंगे।। किसी तरह का धरना आपको ये सफलता दिलाएगा इसकी संभावना कम है।। इसके लिए आपको माननीय उच्च न्यायालय में अपनी बात नीति आयोग की गाइडलाइंस और माननीय सुप्रीम कोर्ट की रिमोट एरिया में नौकरी करने की समय सीमा को लेकर दिए गए समय समय पे निर्णयों के परिपेक्ष्य में रखनी होगी।। कि आखिर कब तक ये जिले ऐसे ही शिक्षकों से असंतृप्त रहेंगे।।। माननीय न्यायालय के समक्ष मेरे हिसाब से कुछ बिंदु रखने होंगे
1 - नीति आयोग की रिपोर्ट में कार्मिको का स्थानांतरण 2 वर्षो के बाद करने की छूट थी लेकिन यहाँ 5 वर्ष बाद भी नही हुआ
2 - क्या ऐसी रोक अन्य विभागों के लिए भी है कि उन विभागों में समस्त पद संतृप्त हो गए या उनके कार्मिको को भी जितने आएंगे उतने जायेगे की नीति के तहत रोका गया है
3 - जब आपने नौकरी जॉइन की मतलब 2015/2016 में ये जिले आकांक्षी नही थे और आपने 5 साल की सेवा इन जनपदों में दी तो अब आगे कितने साल और?
4 - क्या आपके साथ अन्य सामान्य जनपदों में कार्य करने शिक्षकों की तुलना में आपको कुछ विशेष लाभ प्राप्त है?
5- सरकार एक नीति बनाकर माननीय न्यायालय को अवगत कराएं की इन शिक्षकों का ट्रांसफर वो कब करेगी 5 साल 10 साल या कितने सालों में।।।
6- आपकी भर्ती 72825 के बाद तमाम भर्तियां हुई तो उनमें इन जनपदों के लिए क्या अतरिक्त कोटा रखा गया।। अगर नही तो आखिर ये जिले संतृप्त कैसे होंगे।।
7- जब आपके साथ पूरे प्रदेश में अन्य जिलों में शिक्षकों ने जॉइन किया और तमाम लोग 3 साल और 5 साल की सेवा में अपने घर गए तो क्या ये आपके समानता के अधिकार का हनन नही है।।।
ऐसे ही कुछ बिन्दुओं को लेकर माननीय न्यायालय की शरण मे जाना होगा।। जल्दी ही इसकी रूपरेखा तैयार की जाएगी।।। अभी से आपको तैयारी करनी है वरना ऐसे ही स्थानांतरण होते रहेंगे और आप वंचित रहेंगे।।। धन्यवाद