नई दिल्ली। केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की अवधि मौजूदा वित्त वर्ष की समाप्ति तक बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसके तहत संगठित क्षेत्र में रोजगार पाने वालों के भविष्य निधि खाते में नियोक्ता की ओर से दो साल तक सरकार अंशदान करेगी। श्रम मंत्रालय के मुताबिक, योजना 31 मार्च 2022 तक बढ़ सकती हैं।
कोरोना काल में रोजगार प्रोत्साहन के लिए पिछले साल दिसंबर में लागू योजना की अभी समयसीमा 30 जून 2021 है। इसका मकसद नियोक्ताओं पर नए कर्मचारियों की भविष्य निधि में अंशदान का बोझ घटाना था, ताकि वे ज्यादा रोजगार दे सकें। श्रम मंत्रालय ने बताया, अभी इसमें अक्तूबर, 2020 से 30 जून, 2021 तक नियुक्त कर्मी आएंगे, अवधि बढ़ने पर 21-22 की समाप्ति तक संगठित क्षेत्र में रोजगार पाने वाले सभी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। सरकार इसमें कर्मचारी के वेतन का कुल 24% पीएफ अंशदान देती है। जिन कंपनियों ने कोरोना काल में छंटनी की, वे कर्मचारियों को वापस बुलाती हैं तो उन्हें भी यह लाभ मिलेगा।