ऑनलाइन मेरिट बेस्ट होंगे तबादले, इस बार की तबादला नीति विभागों के कुल 20 फीसदी कर्मियों का हो सकेगा तबादला

 लखनऊ। प्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण का रास्ता साफ कर दिया है। तबादले यथासंभव ऑनलाइन मेरिट बेस्ड होंगे। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। विभागों के कुल कर्मियों के 20 फीसदी का ही तबादला हो सकेगा। इस सीमा से अधिक स्थानांतरण की जरूरत पर समूह क व ख के लिए मुख्यमंत्री और समूह ग व घ के लिए विभागीय मंत्री से अनुमति लेनी होगी।



इस तरह होंगे तबादले
■ समूह क व ख के जो अधिकारी अपने सेवाकाल में कुल तीन वर्ष पूरा कर चुके हैं, उन्हें संबंधित जिलों से ट्रांसफर होंगे।
समूह क व ख के जिन अधिकारियों ने मंडल में सात वर्ष पूरा कर लिया है, वे मंडलों के बाहर स्थानांतरित होंगे।

■ समूह क के अधिकारियों को उनके गृह मंडल तथा समूह ख के अधिकारियों को उनके गृह जिले में तैनात नहीं किया जाएगा। हालांकि यह प्रतिबंध केवल जिला स्तरीय विभागों व कार्यालयों में लागू होगा।समूह 'ग' के पटल परिवर्तन की विशेष व्यवस्था

■ समूह 'ग' के जिन कार्मिकों ने एक पटल पर तीन वर्ष पूरा कर लिया है, उनके पटल बदल दिए जाएंगे।

■ सबसे ज्यादा संख्या में कर्मी इसी श्रेणी में आते हैं। लंबे समय से एक ही क्षेत्र या पटल पर जमे कर्मी इस व्यवस्था से हट जाएंगे।


गुपचुप चल रहे थे तबादले प्रदेश सरकार ने स्थानांतरण सत्र 2020-21 में :

कोविड-19 महामारी से स्थानांतरण पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। लेकिन पूरे सत्र तबादले नहीं किए जा सके थे। तभी से सरकारी कार्मिक तबादला नीति का इंतजार कर रहे थे। आम कार्मिकों की दिक्कत ये थी कि जिनकी पहुंच और पकड़ थी, उनके तबादले प्रशासनिक आधार पर हो जा रहे थे। नियुक्ति विभाग ने वर्ष ' गुपचुप तबादले किए। यहां तक कि तबादला आदेश पब्लिक डोमेन में जारी करने बंद कर दिए गए। दूसरी ओर जो पारिवारिक समस्या, बीमारी या अन्य वाजिब कारण से तबादला चाहते थे, उनका तबादला नहीं हो पा रहा था।