फर्जी बीएड डिग्री मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए शिक्षकों को वर्तमान वेतन जारी करने का आदेश दिया है।
सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 26 फरवरी 2021 को दिए अपने फैसले में इन शिक्षकों की नियुक्ति, डिग्री और अंकपत्र रद्द करने के राज्य सरकार के आदेश को सही ठहराया था। इस आदेश को राजेश कुमार चतुर्वेदी और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। ये डिग्रियां आगरा विश्वविद्यालय (बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय) से ली गई थीं, जिसमें जांच करने पर पता लगाथा की 2800 से ज्यादा सहायक शिक्षकों की बीएड की डिग्रियां फर्जी हैं। ये डिग्रियां 2005 में बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से हासिल की गई थी। इसके अलावा हाईकोर्ट ने छेड़छाड़ के आरोपी 812 अध्यापकों को चार महीने की राहत देते हुए आ विश्वविद्यालय के कुलपति की निगरानी में जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। जांच के बाद सही पाए जाने पर नौकरी रहेगी अन्यथा बर्खास्तगी बहाल हो जाएगी।