बेसिक शिक्षा विभाग में पुरानी पेंशन योजना से वंचित नई पेंशन धारक कर्मियों के वेतन व महंगाई भत्ते से दस प्रतिशत की कटौती हो रही है। नियम के अनुसार सरकार के 14 प्रतिशत अंशदान के साथ कर्मियों के प्रान खाते में समूची रकम जमा होनी चाहिए, पर ऐसा नहीं हो रहा है। दस महीने से उक्त धनराशि संबंधित कर्मियों व शिक्षकों के एनपीएस खाते में नहीं भेजी जा रही है।
10 महीने की धनराशि का ब्यौरा ही नहीं
अंतिम बार अगस्त 2020 को धनराशि शिक्षकों व कर्मचारियों के खाते में भेजी गई थी। पिछले दस माह की धनराशि का कोई ब्यौरा विभाग के पास नहीं है। शिक्षक जब भी अपनी रकम का लेखा जोखा मांगने के लिए पहुंचते हैं तो कार्यालय वित्त एवं लेखाधिकारी की ओर से यही कहा जाता है कि अभी ग्रांट नहीं है। कटौती संबंधी राशि के बारे में कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं होता।
1600 अध्यापकों के वेतन से हो रही कटौती
प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष देवेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग में कुल 20 ब्लाक के लगभग 1600 अध्यापकों के वेतन से कटौती हो रही है। शेष शिक्षकों ने नई पेंशन स्कीम से खुद को अलग रखा है। एक अनुमान के अनुसार करीब पांच हजार रुपये प्रत्येक शिक्षक के वेतन से काटे जा रहे हैं। इस लिहाज से देखें तो प्रतिमाह करीब 80 लाख रुपये की कटौती हो रही है। जूनियर शिक्षक संघ के ब्रजेंद्र सिंह ने भी इस कटौती पर नाराजगी जताई है।