जिले में चार बेसिक शिक्षकों के टीईटी प्रमाणपत्र संदिग्ध, बैठी जांच

 बुलंदशहर। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की धरपकड़ जारी है। जिले में चार शिक्षक ऐसे मिले हैं, जिनका यूपी टीईटी का प्रमाणपत्र संदिग्धता के घेरे में आया है। बीएसए को इन शिक्षकों की गोपनीय शिकायत प्राप्त हुई, जिसके बाद उन्होंने परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज को पत्र लिखा है। ताकि इन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन हो सके। प्राधिकारी की रिपोर्ट मिलने के बाद शिक्षकों पर बीएसए कार्रवाई करेंगे।




बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में वर्ष 2010 के बाद जो शिक्षक भर्ती हुए हैं। शासन के आदेश पर इन शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जा रहा है। पूर्व में कई शिक्षक फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करते हुए पकड़े भी गए हैं। इन्हें विभाग ने बर्खास्त कर रिकवरी भी कर ली है। अब एक बार फिर चार और ऐसे शिक्षकों की शिकायत मिली है, जिनका यूपी टीईटी का प्रमाणपत्र फर्जी बताया गया है। बीएसए ने स्वयं अपने स्तर से जांच के बाद अब प्रमाणपत्रों को संदिग्धता की श्रेणी में रखते हुए जांच के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी को पत्र लिखा है।

पूर्व में पकड़े जा चुके हैं ऐसे शिक्षक
बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने वाले शिक्षक पूर्व में भी पकड़े जा चुके हैं। इनमें वर्ष 2010 के बाद भर्ती होने वाले शिक्षकों के साथ अन्य शिक्षक भी शामिल हैं। वहीं, हाल ही में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका का भी फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने का मामला सामने आ चुका है। यह मामला खुलने के बाद कस्तूरबा में तीन और शिक्षिकाओं द्वारा फर्जी दस्तावेज पर नौकरी करने की बात सामने आई थी।

चार शिक्षकों के यूपी टीईटी के प्रमाणपत्र फर्जी होने की शिकायत गत दिनों मिली थी। प्रमाण पत्रों का परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से सत्यापन कराया जाएगा और इसके लिए पत्र लिखा गया है। वहां से सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- अखंड प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी