आधुनिक युग में भी प्रदेश के कई गांवों में लोग पुरानी धारणाएं और कुरीतियों से नहीं उबर पा रहे। सोनभद्र जिल के बभनी थाना क्षेत्र के एक गांव में ऐसा ही सनसनीखेज मामला सामने आया है। घर में तुलसी की पहले पूजा करने से गुस्साए ग्रामीणों ने महिला शिक्षामित्र को बिरादरी से ही बाहर कर दिया है।
वह पिछले एक साल से अपना अधिकार पाने को भटक रही है। शनिवार को महिला शिकायत लेकर थाने में पहुंची तो हर कोई अवाक रह गया। पुलिस ने मामले की जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।
प्रदेश में आज भी सामाजिक कुरीतियां व्याप्त हैं, जिसकी वजह से कई परिवारों को संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है।
सोनभद्र के इकदीरी गांव निवासी शांति देवी के साथ भी कुछ ऐसा ही मामला है। वो शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत है। महिला के मुताबिक सितंबर 2020 में अपने घर पर गोबर से पोताई कर आंगन में तुलसी की पूजा करवाई थी। इस पर बिरादरी के कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि बगैर बैगा (कुल देवता) की पूजा किए अपने घर में पूजा कैसे करवा दी। यह परंपराओं के विरुद्ध है। लिहाजा उसे बिरादरी से बाहर कर दिया गया।
वर्ष 2004 में भी किया गया था बिरादारी से बाहर, पति भी नहीं देता साथ
महिला ने बताया कि वर्ष 2004 में भी लोगों ने बिरादरी से निकाल दिया था और चार वर्षों तक बिरादरी से बाहर रखे रहे। इसके बाद बकरा-भात खिलाने के बाद पुन: बिरादरी में शामिल कर लिया गया। महिला ने 31 अगस्त को बभनी थाने में प्रार्थना पत्र देकर गांव के कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। महिला की दो पुत्री और एक पुत्र है।
उसका कहना है कि पति भी उसका साथ देने की बजाय समाज के लोगों के साथ खड़े हो जाते हैं। महिला ने शनिवार को पुन: बभनी थाने में प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की। प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार सिंह ने कहा कि प्रार्थना पत्र मिला है। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।