लखनऊ: 69,000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का गुस्सा बुधवार को सातवें आसमान पर पहुंच गया। तीन महीने से धरना दे रहे अभ्यर्थियों की एक टुकड़ी अचानक बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय के अंदर जाने लगी। पुलिस ने
उन्हें रोकने का प्रयास किया और न मानने पर जमकर लाठियां बरसाईं। इसमें करीब आधा दर्जन अभ्यर्थी चोटिल हो गए। अभ्यर्थी एससीईआरटी कार्यालय में शिक्षा महानिदेशक अनामिका सिंह ने मिलना चाह रहे थे।अभ्यर्थी पिछले 90 दिनों से बेसिक शिक्षा निदेशालय में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। अभ्यर्थी एससीईआरटी स्थित शिक्षा महानिदेशक कार्यालय के निकट पहुंचे तो मौजूद पुलिस बल ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन अभ्यर्थी नहीं रुके। पुलिस ने उन पर लाठी भांजनी शुरू कर दी। पुलिस ने अभ्यर्थियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसमें करीब आधा दर्जन अभ्यर्थी चोटिल हो गए। पुलिस के जवान जब लाठी भांजने में व्यस्त थे, उसी समय महिला अभ्यर्थी एससीईआरटी में घुस गईं और वहां शिक्षा महानिदेशक कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठ गईं, जिन्हें पुलिस नहीं हटा पाई। महिला अभ्यर्थी शाम तक वहीं पर डटी रहीं, पर महानिदेशक मिलने नहीं आइर्ं। अभ्यर्थियों के अनुसार, एसीपी के अनुरोध पर वहां से धरना खत्म किया गया। आंदोलित अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार बेसिक शिक्षा विभाग के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती प्रक्रिया शुरू करे। अभ्यर्थियों का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग में पिछले दो वर्षों से कोई नई भर्ती नहीं हुई है, जो 68,500 और 69,000 शिक्षकों की भर्ती हुई है, वे सुप्रीम कोर्ट से शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने की वजह से हुई हैं। सूचना के अधिकार से प्राप्त डाटा के अनुसार, प्राथमिक विद्यालयों में अब भी डेढ़ लाख से ज्यादा पद खाली हैं।
पुलिस की ज्यादती से परेशान अभ्यर्थियों ने अभद्रता का वीडियो भी वायरल कर दिया, जिसमें महिला अभ्यर्थी अपने साथी को छुड़ाने के लिए गिड़गिड़ा रही है और पुलिस वाले उसे खींच रहे हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि पुलिस वालों ने उन्हें गालियां भी दीं। महिलाएं से अभद्रता की। इंस्पेक्टर महानगर प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने लाठीचार्ज नहीं किया। अभ्यर्थी उपद्रव पर उतारू थे। पुलिस से धक्का-मुक्की करने लगे थे, इसलिए उन्हें मौके से हटाया गया था।