झाँसी : जनपद में एक सैकड़ा शिक्षकों को अभी तक स्कूल आवण्टन नहीं हुआ है। दूसरे जनपदों से स्थानान्तरण होकर आए लगभग 55 शिक्षकों को 6 माह से स्कूल नहीं दिया गया है। यह शिक्षक घर बैठकर ही स्कूल आवण्टन का इन्तजार कर रहे हैं। दूसरी तरफ, 44 शिक्षकों की नयी नियुक्ति मिली है, लेकिन अभी तक इन शिक्षकों को स्कूल आवण्टन नहीं हुआ है।
शासन के निर्देश के बाद स्कूल खुल गए और विद्यालयों में बच्चे भी पहुँचने लगे हैं। कोरोना के बाद विद्यार्थियों व अभिभावकों में दिलचस्पी जगी है, लेकिन शिक्षा विभाग अभी पूरे मन से पढ़ाई कराने की स्थिति में नहीं आया है। पुस्तकें अभी तक पूरी तरह नहीं पहुँच पायी हैं, तो मध्याह्न भोजन अभी तक सभी स्कूलों में बनने शुरू नहीं हुए हैं। इन सबसे अलग अभी तक 100 से अधिक शिक्षक घर पर हैं। इन स्कूलों को कोई काम नहीं दिया गया है। शासन ने अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण नीति से शिक्षकों को अपने-अपने गृह जनपद में स्थानान्तरण कराने के लिए नीति घोषित की थी। इस नीति में जनपद में 52 शिक्षक आए थे, जबकि 2 अन्य शिक्षक स्थानान्तरित होकर आए। इस तरह 54 शिक्षकों ने जनपद में मार्च में जॉइन किया था। अप्रैल में इन शिक्षकों के स्कूल आवण्टित होने थे, लेकिन शासन की कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए। इसके बाद 20 मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो गए। बाद में विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य कर दी, जिससे स्कूलों की सा़फ-स़फाई व अन्य कार्य शुरू हो गए। 1 सितम्बर से विद्यालयों में कक्षाएं प्रारम्भ हो गयीं और बच्चे स्कूल जाने लगे। अब स्कूल खुलने के बाद पढ़ाई शुरू हो गई, लेकिन जनपद में 100 से अधिक शिक्षक अभी भी घरों में है। इन सभी को ़िजला मुख्यालय में जॉइन करा लिया गया है, लेकिन स्कूल आवण्टन नहीं किया गया। ़िजला मुख्यालय में कार्यरत शिक्षकों के लिए बीएसए कार्यालय में कोई काम नहीं है। इनकी उपस्थिति भी अनिवार्य नहीं है। इसीलिए यह शिक्षक घरों में ही है। शासन की स्कूल आवण्टन की स्पष्ट नीति न होने तथा बगैर स्कूल आवण्टन के इन शिक्षकों से कोई दूसरा कार्य नहीं लेने की स्थिति में यह शिक्षक घरों में ही हैं। इस सम्बन्ध में बीएसए वेदराम का कहना है कि इन शिक्षकों को लेकर शासन का निर्देश प्राप्त होते ही स्कूल आवण्टन कर दिए जाएंगे।
बच्चों को घर बैठे मिलेंगे यूनिफॉर्म, बैग, स्वेटर
- 1,43,709 पंजीकृत विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में जल्द भेजे जाएंगे रुपए
- 96 फीसदी बैंक खातों को लिंक करने की कार्यवाही पूरी
झाँसी : शासन ने इस बार यूनिफॉर्म, बैग, स्वेटर व जूता-मौजा के वितरण की प्रक्रिया बदल दी है। पहले स्कूल में ही इसका वितरण किया जाता था, लेकिन अब यह धनराशि बच्चों के अभिभावकों के खाते में भेजे जा रहे हैं। इसके लिए बैंक खातों को लिंक करने की प्रक्रिया अन्तिम चरण में है।
बेसिक स्कूलों के छात्र-छात्राओं को स्कूल यूनिफॉर्म, बैग, जूता-मौजा व सर्दी में स्वेटर प्रदान किया जाता है। अभी तक इन सभी की ख़्ारीद के लिए ़िजला स्तर से लेकर स्कूल स्तर तक समिति गठित होती थी। स्कूल में प्रधानाचार्य को ड्रेस को ख़्ारीदने की जिम्मेदारी दी जाती थी और स्कूल प्रबन्धन समिति इस पर ऩजर रखती थी। इसके बाद भी ड्रेस, बैग व स्वेटर की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे। ग्रामीणों की शिकवा-शिकायत के बाद अब शासन व बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके आवण्टन की प्रक्रिया बदल दी। इस बार छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के सीधे बैंक खाते में धनराशि भेजी जा रही है। इसके लिए 1200 रुपए बैंक खाते में भेजे जा रहे हैं, जिसमें 600 रुपए ड्रेस के लिए तथा 200 रुपए बैग, 200 जूता-मौजा तथा 200 रुपए स्वेटर पर खर्च किए जाएंगे। जनपद स्तर पर अभिभावकों के बैंक खातों को बीएसए कार्यालय के खाते से लिंक किया जा रहा है। जनपद में इस बार 1,43,709 पंजीकृत विद्यार्थियों के अभिभावकों के बैंक खाते में 1200 रुपए की धनराशि भेजी जानी है। अभी तक 96 फीसदी अभिभावकों के खाते लिंक हो गए हैं। इन खातों में जल्द ही धनराशि हस्तान्तरित कर दी जाएगी। शासन के निर्देश पर जल्द ही बच्चों को घर बैठे ड्रेस, बैग व स्वेटर मिल जाएंगे।
फाइल-रघुवीर शर्मा
समय-6.35
17 सितम्बर 21