14 शिक्षक-शिक्षामित्रों का वेतन रोका, स्पष्टीकरण मांगा

 कोतवाली देहात (बिजनौर)। सरकारी पाठशाला में 11 सालों तक फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाला शिक्षक लापता हो गया। कोरोना काल में मौत होने का संदेश शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप पर आने के बाद से शिक्षक का कोई अता पता नहीं है। शिक्षिक ने मृत्यु प्रमाण पत्र भी विभाग को फर्जी ही भेज दिया। उसका नाम और पता भी फर्जी निकला। यह खुलासा आरटीआई से हुआ है।


ब्लॉक कोतवाली देहात के प्राथमिक विद्यालय मोहम्मदपुर त्रिलोक में प्रधानाध्यापक के पद पर प्रवीण कुमार कार्यरत हुआ करतेे थे। 11 जून को प्राथमिक शिक्षक संघ नगीना कोतवाली के व्हाट्सएप ग्रुप पर कोरोना से उनकी मौत होने का संदेश आया। इस पर ग्रुप में शिक्षकों ने मृतक अध्यापक को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। यह शोक संदेश प्रवीण कुमार के मोबाइल नंबर से ही आया था। जिसमें लिखा गया कि उन्हें सांस लेने में परेशानी होने पर उनकी मृत्यु हो गई है। अध्यापक की मृत्यु की सूचना अध्यापक प्रवीण कुमार के पिता ज्ञानचंद ने सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी कोतवाली देहात को पत्र के माध्यम से दी थी। इसके बाद अध्यापक का मृत्यु प्रमाण पत्र भी सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को रजिस्टर्ड डाक से भेज दिया गया था।

करौंदा चौधर के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता ऋषि त्यागी ने अध्यापक की शिकायत जन सुनवाई पोर्टल पर की तथा अध्यापक के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच कराने की मांग की थी। जिस पर संबंधित सूचना अधिकारी की ओर अध्यापक की मृत्यु की जानकारी दी गई। अध्यापक का आधार कार्ड, पैन कार्ड और मृत्यु प्रमाण पत्र भी शिकायतकर्ता को भेज दिया गया। ऋषि त्यागी ने सभी कागजों की जांच के लिए ग्राम पंचायत लतीफपुर विकासखंड तथा जनपद अमरोहा से सूचना के अधिकार के अंतर्गत जानकारी मांगी।
शिक्षक का पता भी निकला फर्जी
अमरोहा की पंचायत लतीफपुर के पंचायत सचिव ने जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचना में बताया गया कि प्रवीण कुमार पुत्र ज्ञानचंद का मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी है। उस पर हस्ताक्षर भी फर्जी हैं। साथ ही यह प्रमाण पत्र ग्राम पंचायत के जन्म मृत्यु पोर्टल पर भी अंकित नहीं है। पत्र में यह भी बताया गया कि ग्राम पंचायत के परिवार रजिस्टर में प्रवीण कुमार पुत्र ज्ञानचंद नाम का कोई व्यक्ति दर्ज नहीं है। साथ ही पंचायत की वोटर लिस्ट में भी प्रवीण कुमार का नाम नहीं हैं। एबीएसए कोतवाली देहात देशराज वत्स ने बताया कि मामले की रिपोर्ट बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को भेज दी गई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरण यादव ने बताया कि अभी मामला संज्ञान में आया है, लेकिन मेरे पास अभी रिपोर्ट नहीं आई है। मामले की जांच की जा रही है।