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यूपी चुनाव से पहले इन स्‍कूलों में 7 हजार नौकरि‍यों का तोहफा देगी योगी सरकार, गड़बड़ी रोकने के लिए होगा ये इंतजाम

उत्‍तर प्रदेश के 4500 से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (सहायक अध्यापक), प्रवक्ता और प्रधानाचार्यों के लगभग सात हजार पदों पर भर्ती की तैयारी है। प्रदेश सरकार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले नई भर्ती शुरू करना चाहती है।UP Teachers Latest News HR Teachers Latest News CG Teachers Latest News HP Teachers Latest News Bihar Teachers Latest News Jharkhand Teachers Latest News MP Teachers Latest News Rajasthan Teachers Latest News



यही कारण है कि 31 अक्तूबर तक 15 हजार से अधिक पदों पर भर्ती पूरी करने के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र लिखकर तीन से 12 दिसंबर तक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से रिक्त पदों की जानकारी (अधियाचन) अपलोड करने के निर्देश दिए थे। सूत्रों के अनुसार प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के पांच हजार रिक्त पदों की सूचना प्राप्त हुई है।

जबकि प्रधानाचार्यों के दो हजार से अधिक खाली पदों पर चयन होगा। टीजीटी-पीजीटी की भर्ती में अक्तूबर 2019 के बाद खाली हुए पदों को शामिल किया गया है। अक्तूबर 2019 से पहले तक के रिक्त पदों पर टीजीटी-पीजीटी 2021 के तहत भर्ती हो चुकी है। चयन बोर्ड की ओर से भर्ती के संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। शासन की मंजूरी मिलने के बाद ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे।


पीसीएस 22 के लिए आवेदन इसी माह के अंत से होंगे
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग नए साल में युवाओं के लिए दो बड़ी भर्ती शुरू करने जा रहा है। आयोग की सबसे प्रतिष्ठित सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) परीक्षा 2022 के लिए जनवरी अंत तक आवेदन शुरू होंगे। आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के अनुसार अब तक पीसीएस के 68 पदों के अधियाचन मिल चुके हैं। अधियाचन प्रेषित करने के लिए शासन से पत्राचार चल रहा है। अगले दस दिनों में स्टाफ नर्स पुरुष के तकरीबन 448 पदों पर भर्ती के लिए भी आवेदन लिए जाएंगे। अध्यक्ष ने मंगलवार को मीडिया से बताया कि आयोग समयबद्ध और पारदर्शी चयन के लिए प्रतिबद्ध है। परीक्षा शुरू होने के साथ भर्ती पूरी करने की तारीख भी तय की जा रही है। इसी का नतीजा है कि भर्ती परीक्षाओं के परिणाम लगातार आ रहे हैं।


उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में पहले राजकीय, फिर सहायता प्राप्त और अंत में वित्तविहीन शिक्षण संस्थाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। केंद्रों की जांच के लिए समुचित निर्देश बनाए गए हैं ताकि संदिग्ध या दागी संस्थाओं में परीक्षा की आशंका न रहे।

इसके बावजूद जिन केंद्रों पर गड़बड़ी मिलेगी उन्हें हमेशा के लिए डिबार करके एफआईआर कराई जाएगी। गलत प्रश्न होने पर विशेषज्ञ को हमेशा के लिए डिबार किया जाएगा। स्केलिंग या मॉडरेशन के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाएंगे, जिसमें संघ लोक सेवा आयोग के विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा।

परीक्षा से 48 घंटे पहले पता चलेगा केंद्र का नाम
भर्ती परीक्षाओं में किसी प्रकार की धांधली या गड़बड़ी की आशंका खत्म करने के उद्देश्य से लोक सेवा आयोग अभ्यर्थियों को परीक्षा से 48 घंटे पहले केंद्र का नाम बताएगा। आयोग परीक्षा से दो सप्ताह पहले प्रवेश पत्र जारी करता है। प्रवेश पत्र में शहर का नाम और केंद्र का कोड तो रहेगा लेकिन कहां संबंधित अभ्यर्थी की परीक्षा होगी, इसकी जानकारी 48 घंटे पहले दी जाएगी। अभ्यर्थी को ई-मेल, मोबाइल पर एसएमएस और आयोग की वेबसाइट से केंद्रों की सूचना दी जाएगी।


कोई भी भर्ती प्रक्रिया नहीं होगी एकल स्तरीय
अध्यक्ष संजय श्रीनेत के अनुसार कोई भी चयन प्रक्रिया सीधी या एकल स्तरीय नहीं होगी। गड़बड़ी की आशंका खत्म करने के लिए आयोग चयन प्रक्रिया को दो या तीन स्तरीय करने जा रहा है। एकल स्तरीय परीक्षाओं में लोग अनुचित साधन से पास होने का प्रयास करते हैं।

आठ साल बाद होगी प्रधानाचार्यों की भर्ती
प्रधानाचार्यों के पदों पर भर्ती के लिए आठ साल बाद प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इससे पहले चयन बोर्ड ने 31 दिसंबर 2013 को प्रधानाचार्यों के 599 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। उसके बाद से टीजीटी-पीजीटी 2016 और 2021 भर्ती कराई गई, लेकिन प्रधानाचार्य का विज्ञापन जारी नहीं हो सका था। अक्तूबर 2019 तक चयन बोर्ड को प्रधानाचार्य के 1453 रिक्त पदों की सूचना मिली थी। 500 से अधिक पद और खाली होने की जानकारी मिली है। प्रधानाचार्यों की भर्ती लिखित परीक्षा के माध्यम से कराने की तैयारी चल रही है।

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