उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापकों के 1504 और प्रधानाध्यापकों के 390 पदों पर भर्ती प्रक्रिया से शैक्षिक अर्हता की अड़चन दूर हो गई है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों के स्नातक स्तर पर विषय की बाध्यता को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने 21 दिसंबर के आदेश में रद्द कर दिया है।राज्य सरकार ने कक्षा 6 से 8 तक के एडेड जूनियर हाईस्कूलों में भर्ती के लिए विज्ञान/गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषा (हिन्दी, अंग्रेजी व संस्कृत) की लिखित परीक्षा अलग-अलग करवाई थी। लेकिन मेरिट विषयवार न बनाकर राज्य स्तरीय एक मेरिट बनाई जा रही है। ऐसे में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को विषयवार अलग-अलग मेरिट नहीं निकलने पर विवाद की आशंकाएं थी। लेकिन कस्तूरबा विद्यालयों के मामले में हाइकोर्ट ने यह माना है कि 29 जुलाई 2011 को कक्षा 6 से 8 तक के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए तय की गई राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की अधिसूचना राज्य सरकार पर बाध्यकारी हैं।
6 से 8 के लिए स्नातक में विषय की बाध्यता को कोर्ट ने किया रद्द
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षकों को आदेश से राहत
शिक्षक भर्ती की नियमावली में यदि प्रावधान न भी हो तब भी एनसीटीई की अधिसूचनाएं राज्य पर बाध्यकारी है।
एनसीटीई गाइडलाइन के अनुसार 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक, बीटीसी (डीएलएड) या बीएड, कक्षा 6 से 8 की उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी)/केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) होना अनिवार्य है। इसमें विषय की बाध्यता नहीं है।