इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि कट ऑफ डेट के बाद अर्जित शैक्षणिक अर्हता व अनुभव प्रधानाध्यापक पद पर चयन के लिए मान्य नहीं है। कोर्ट ने कहा कि याची चयन बोर्ड द्वारा तय की गई समयसीमा के बाद अर्जित अर्हता व अनुभव का अंक देने की मांग नहीं कर सकते हैं क्योंकि यदि ऐसा करने की अनुमति दी गई तो साक्षात्कार में शामिल अन्य अभ्यर्थी भी कट ऑफ डेट के बाद प्राप्त अनुभव व अहर्ता का अंक देने की मांग करेंगे। इससे याचियों को कोई लाभ नहीं होगा क्योंकि उनसे भी अधिक अनुभव वाले अभ्यर्थी आगे आ जाएंगे।
यह निर्णय न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने मोहन सिंह व दो अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचियों ने 2013 में विज्ञापित इंटर कॉलेजों के प्रधानाध्यापक पद की भर्ती के लिए आवेदन किया था। इस संदर्भ में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने एक जनवरी 2022 को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता व अनुभव की कट ऑफ डेट आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 फरवरी 2014 मानी जाएगी। याचिका में इस विज्ञप्ति के क्लाज 3 को चुनौती देते हुए उसे रद्द करने मांग की गई। याचियों का कहना था कि कट ऑफ डेट का कोई प्रावधान माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के एक्ट व नियमावली में नहीं है। इसलिए यह विज्ञप्ति कानून के विपरीत है और इसे रद्द किया जाए। इसके जवाब में राज्य सरकार का कहना था कि कट ऑफ डेट से पहले तक की शैक्षणिक योग्यता के आधार पर ही अंक दिए जाएंगे। उसके बाद अर्जित योग्यता व अनुभव का का अंक नहीं दिया जा सकता है।
हाईकोर्ट ने अशोक कुमार शर्मा बनाम चंद्रशेखर व अन्य में प्रतिपादित सुप्रीम कोर्ट के विधि सिद्धांत का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी भर्ती में आवेदन की अंतिम तिथि तक प्राप्त योग्यता व अनुभव ही मान्य होता है। उसके बाद प्राप्त की गई योग्यता व अनुभव को नहीं माना जा सकता है। इस मामले में यदि याचियों की यह दलील स्वीकार कर ली जाए कि उन्हें कट ऑफ डेट के बाद प्राप्त अनुभव का अंक दिया जाए तब भी उन्हें कोई लाभ नहीं होगा क्योंकि साक्षात्कार में शामिल अन्य अभ्यर्थी भी कट ऑफ डेट के बाद अर्जित अनुभव के आधार पर अंक देने की मांग करेंगे और हो सकता है कि उनके पास याचियों से अधिक अनुभव हो। ऐसी स्थिति में कट ऑफ डेट तक प्राप्त शैक्षणिक योग्यता व अनुभव ही मान्य होगा।