Fake Teachers Case in UP: लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित स्कूलों में फर्जी और कूटरचित अभिलेखों के जरिये शिक्षक नियुक्त होने का सिलसिला थम नहीं रहा है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने जांच में पाया है कि परिषदीय विद्यालयों में 228 फर्जी शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। यह वे अभ्यर्थी हैं जो फर्जी और कूटरचित अभिलेखों के बल पर शिक्षक की नौकरी पाने में सफल हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में हुईं शिक्षकों की नियुक्तियों में फर्जी अभिलेखों का सहारा लेकर नौकरी पाने का सिलसिला पुराना रहा है। समय-समय पर हुई जांच में सैकड़ों की संख्या में ऐसे शिक्षक चिन्हित किये जा चुके हैं जिनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई भी हुई है। ताजा मामला इन 228 शिक्षकों का है।
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में हुईं शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर यूपी एसटीएफ को शिकायतें मिली थीं। इन शिकायतों की जब एसटीएफ ने जांच की तो 228 शिक्षक ऐसे मिले जो फर्जी और कूटरचित अभिलेखों के बूते नौकरी पाने में सफल हुए थे।
ये फर्जी शिक्षक उत्तर प्रदेश के तीन दर्जन से ज्यादा जिलों में तैनात हैं। इनमें देवरिया, बस्ती, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, संत कबीर नगर, बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर, भदोही, सोनभद्र, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, बाराबंकी, सुलतानपुर, अमेठी, प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़, कानपुर नगर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, आगरा, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर और मथुरा आदि जिले शामिल हैं।
एसटीएफ ने संबंधित जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजे हैं। इससे पहले एसटीएफ ने जांच में मथुरा में बड़ी संख्या में फर्जी अभिलेखों के बूते नौकरी पाने वाले शिक्षकों का मामला उजागर किया था। एसटीएफ ने पिछले वर्ष दिसंबर में मथुरा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर 176 संदिग्ध शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख उपलब्ध कराने के लिए कहा था।
The post Fake Teachers