पीसीएस-2014 और पीसीएस-2015 में धांधली की शिकायत दर्ज कराने वाले 20 से अधिक अभ्यर्थियों को
सीबीआई ने दिल्ली स्थित मुख्यालय बुलाया है, जहां फिर से उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। इनमें से बाद की पीसीएस परीक्षाओं में कुछ अभ्यर्थियों का चयन भी हो चुका है।सीबीआई की ओर से पहला मुकदमा पीसीएस-2015 में हुई धांधली को लेकर दर्ज किया गया था और दूसरा मुकदमा एपीएस भर्ती-2010 में हुई धांधली के मामले में दर्ज किया गया था। पीसीएस-2015 की जांच के दौरान स्केलिंग एवं मॉडरेशन की आड़ में अभ्यर्थियों के नंबर मनमाने तरीके से घटाए और बढ़ाए जाने का मामला सामने आया था।
कुछ अभ्यर्थियों की कॉपियों पर विशेष चिह्न लगे मिले थे, जिससे उनकी पहचान आसानी से की जा सकती थी। इन अभ्यर्थियों की कॉपियों में भी मनमाने तरीके से नंबर बढ़ाए गए थे। इनमें से कई अभ्यर्थी ऐसे थे, जिनका चयन हाई मेरिट पर हुआ था। सीबीआई ने इस मामले में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अज्ञात अफसरों और बाहरी अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।पीसीएस-2014 में भी इसी तरह की शिकायतें आईं थीं, जिसमें मनमाने तरीके से नंबर घटाए और बढ़ाए जाने के आरोप लगे थे। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने इन दोनों परीक्षाओं में धांधली की शिकायत दर्ज कराने वालों में से कई अभ्यर्थियों को दिल्ली स्थित मुख्यालय बुलाया है। इनमें से तकरीबन सात अभ्यर्थियों का बाद में हुईं पीसीएस परीक्षाओं में चयन भी हो चुका है।
सूत्रों के मुताबिक जिन अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है, वे बयान देने से कतरा रहे हैं। दरअसल, जांच को पांच वर्ष वर्ष बीत चुके हैं और अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में अभ्यर्थियों का जांच से भरोसा भी उठने लगा है। वहीं, तमाम अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि सीबीआई के एक बार फिर से सक्रिय होने से परीक्षाओं में धांधली के दोषी जल्द ही सीबीआई की गिरफ्त में होंगे।