सामूहिक बीमा के नाम पर शिक्षकों से छल, योजना बंद होने के बाद भी शिक्षकों से कटता रहा धन

 योजना बंद होने के बाद भी शिक्षकों से काटता रहा धन

कासगंज जिले में सामूहिक बीमा योजना के नाम पर शिक्षकों से छल हुआ है। योजना बंद हो जाने के बाद भी शिक्षकों से योजना का धन कट रहा है हर साल लाखों रुपये योजना के नाम पर शिक्षकों से लिए जा रहे हैं, लेकिन यह धन कहां जा रहा है इसका कोई जवाब देने वाला नहीं है मामला संज्ञान में आने के बाद विभाग ने जांच विठा दी है।



जिले में 1263 परिषदीय स्कूल संचालित है। इन स्कूलों में वर्तमान में 3426 शिक्षक तैनात हैं। शासन ने एलआईसी के माध्यम से शिक्षकों के लिए सामूहिक बीमा योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत 87 रुपये प्रतिमाह प्रीमियम निर्धारित किया गया। ताकि शिक्षक की दुर्घटना होने की स्थिति में क्लेम दिया जा सके। यदि दुर्घटना नहीं हुई है तो उसे सेवानिवृत्ति के बाद पालिसी को पूरी धनराशि की व्यवस्था निर्धारित की गई। एलआईसी ने अचानक वर्ष 2014 में योजना को बंद कर दिया।



इस योजना का पुराने शिक्षकों को तो लाभ मिलेगा, लेकिन नए शिक्षकों को इस योजना का कोई लाभ नहीं मिलेगा इसके बाद भी शिक्षा विभाग का लेखा विभाग इन शिक्षकों का प्रोमियम का धन लगातार काटता आ रहा है। योजना बंद होने के बाद से अलग अलग शिक्षक भर्तियों में जिला में लगभग 2500 शिक्षकों की तैनाती हुई है। इन शिक्षकों से लगभग 2 करोड़ रुपये की कटौती होने का अनुमान है।