मिर्जापुर के छानबे विकास खंड के कम्पोजिट विद्यालय चडै़चा की प्रधानाध्यापिका दीपमाला के निलंबन व सोमवार से स्कूल नहीं आने की जानकारी जब विद्यार्थियों को हुई, तो उन्होंने रोते हुए शिक्षिका को घेर लिया और घर तक जाने से रोके रहे।
इसकी जानकारी ग्रामीणों को हुई तो वे भी पहुंच गए और प्रधानाध्यापिका के खिलाफ की गई कार्रवाई के प्रति विरोध जताने लगे।बच्चों व अभिभावकों ने शिक्षिका के कार्यों की प्रशंसा करते हुए निलंबन की कार्रवाई का विरोध किया। शनिवार की शाम पांच बजे तक बच्चों के जिद पर अडे़ रहने पर मौके पर पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी राजेश श्रीवास्तव ने उन्हें व उनके अभिभावकों को समझाया कि शिक्षिका यहीं रहेंगी। इसके बाद बच्चे माने और पांच बजे के बाद घर गए। इसके बाद स्कूल में ताला बंद हुआ।
बता दें कि, बीते 27 अगस्त को स्कूल में रसोइया को बंद कर दिए जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद जांच के लिए बीएसए ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। जांच रिपोर्ट में शिक्षकों की गुटबंदी सामने आने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापिका व एक सहायक शिक्षक को निलंबित कर दिया है।
निलंबन आदेश की जानकारी बच्चों को शनिवार के दिन में दो बजे स्कूल बंद होते समय मिली। इस पर बच्चे शिक्षिका को घेर कर रोने लगे और धरने पर बैठ गए। बच्चों को रोते देख 112 नंबर पर फोन कर पुलिस बुलाई गई। फिर भी बच्चे नहीं माने।बीईओ के आश्वासन पर ही बच्चे माने। खंड शिक्षा अधिकारी राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले को समाप्त कराने के लिए आश्वासन दिया गया है। जांच अधिकारी की रिपोर्ट परआगे की कार्यवाही की जाएगी।