राजकीय विद्यालयों में पुरुष संवर्ग के पदों पर महिलाओं के काबिज होने से पदोन्नति के बावजूद पुरुष शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पा रही है। 21 मई 2022 को हुई विभागीय पदोन्नति कमेटी (डीपीसी) की बैठक में 239 पुरुष
शिक्षकों को अधीनस्थ राजपत्रित पर प्रमोशन को मंजूरी दी गई थी। जिसके बाद इन्हें राजकीय हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक, राजकीय इंटर कॉलेजों में उप प्रधानाचार्य समेत अन्य पदों पर तैनाती मिलनी चाहिए थी। लेकिन इनमें से 84 को ही तैनाती मिल सकी है। 16 शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि 138 सालभर से अधिक समय बीतने के बावजूद तैनाती का इंतजार कर रहे हैं।मजे की बात है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने आठ जून को पत्र जारी कर महिला प्रवक्ताओं और सहायक अध्यापिकाओं के अधीनस्थ राजपत्रित पर प्रमोशन के लिए गोपनीय आख्या मांग ली है।
राजकीय शिक्षक संघ के एक धड़े के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय का कहना है कि पुरुष संवर्ग के शिक्षकों के साथ लगातार भेदभाव हो रहा है, जो उचित नहीं है। लिहाजा सालभर से इंतजार कर रहे अधीनस्थ राजपत्रित पुरुष शिक्षकों को तत्काल पदस्थापित किया जाए।