बहराइच
नई स्थानांतरण नीति के चलते बाहरी जिलों के करीब 700 शिक्षकों का स्थानांतरण गैर जिलों में हो गया है। इन शिक्षकों को शनिवार की शाम तक कार्यमुक्त कर दिया गया। यहां से जाने वाले शिक्षकों को तो अपना जिला मिल गया लेकिन जिले की शिक्षण व्यवस्था और भी बदहाल होने के कगार पर पहुंच गई है।
जिले में कुल 2803 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल संचालित हैं। यहां लगभग छह लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। मानक के अनुसार 40 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए, जबकि यहां करीब 8300 शिक्षक तैनात हैं। ऐसे में पहले से शिक्षकों की बहुत कमी थी।
अब तक 40 स्कूल ऐसे हैं जो एकल शिक्षक के सहारे चल रहे थे। यहां शिक्षामित्रों की मदद से शिक्षण व्यवस्था संचालित की जाती है। जिले के करीब 700 शिक्षकों के स्थानांतरण गैर जिलों में हो गए हैं।
दूसरे जिलों से करीब 58 शिक्षक जिले में आएंगे, लेकिन जाने वाले शिक्षकों के सापेक्ष आने वालों की संख्या बहुत कम है। इससे 40 स्कूल शिक्षक विहीन हो गए, जहां नई तैनाती की गई। लगभग 60 स्कूल एकल शिक्षक के सहारे हो गए हैं। ऐसे में पहले से शिक्षा व्यवस्था किस तरह से
संचालित हो पाएगी। यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। एक शिक्षक पर 70 से 80 छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी होगी। वह इतने बच्चों को कैसे पढ़ाएगा ?
शिक्षकों के गैर जिला मुक्त होने के बाद शिक्षक विहीन स्कूलों को आंतरिक फेरबदल से भरा जा रहा है। प्रयास किया जाएगा कि बच्चों की शिक्षण व्यवस्था पर असर न पड़े।
- अव्यक्तराम तिवारी, बीएसए