प्रतापगढ़। बीमारी का बहाना बनाकर बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी न करने वाले शिक्षकों और प्रधानाचार्यों पर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने नकेल कसी है। चिकित्सीय अवकाश लेने पर उनको मेडिकल रिपोर्ट डीआईओएस कार्यालय में जमा करनी पड़ेगी। स्वास्थ्य विभाग से उनके अस्वस्थता की पुष्टि कराई जाएगी।
यूपी बोर्ड परीक्षा में कुछ शिक्षक और प्रधानाचार्य ड्यूटी करने से कतराते हैं। इससे डीआईओएस कार्यालय को परीक्षा केंद्रों पर केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक की नियुक्ति में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। कक्ष निरीक्षक और केंद्र व्यवस्थापकों की संख्या कम होने पर परीक्षा का सफल संचालन नहीं हो पाता है। समस्याओं का संज्ञान लेने के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से डीआईओएस कार्यालय को पत्र जारी किया गया है। आदेश के अनुसार परीक्षा आरंभ होने से पूर्व जो प्रधानाचार्य और शिक्षक चिकित्कीय अवकाश के लिए आवेदन करें। उनकी अस्वस्थता की पुष्टि मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कराई जाए।
चिकित्सा आवेदन पत्र को प्रति हस्ताक्षरित कराने के लिए भेजा जाए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से जारी प्रमाण पत्र के आधार पर ही चिकित्सीय अवकाश दिया जाए। आवश्यकता न होने पर अवकाश को निरस्त कर दिया जाए। डीआईओएस सरदार सिंह ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से परीक्षा के समय शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को दिए जाने वाले चिकित्सकीय अवकाश के संबंध में आदेश जारी किया गया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी निर्देश के आधार पर ही अवकाश प्रदान किया जाएगा।