लखनऊ : उप्र पुलिस में सिपाही के 60,244 पदों पर भर्ती प्रक्रिया के चलते बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आय, जाति व निवास प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं। इस दौरान तहसीलों में प्रमाणपत्र बनाने के बदले भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें मिल रही थीं। ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र की मांग बढ़ने के साथ ही अवैध वसूली का खेल भी शुरू हो गया।
बागपत में अवैध वसूली के लिए ईडब्ल्यूएस समेत आय, जाति व निवास प्रमाणपत्र बनवाने के लिए अभ्यर्थियों को तहसील के चक्कर कटवाए जाने की शिकायत भी शासन तक पहुंची। तहसीलों में
दलालों के सक्रिय होने व भ्रष्टाचार की शिकायतों को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। अपर मुख्य सचिव, राजस्व सुधीर गर्ग ने अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए तहसीलों में सभी तरह के प्रमाणपत्र जल्द से जल्द बनाए जाने का आदेश दिया है। अपर मुख्य सचिव ने सभी डीएम को निर्देश दिया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि तहसीलों मैं प्रमाणपत्र नियमानुसार समय से बनाए जाने के लिए लेखपालों की उपस्थिति प्रतिदिन सुनिश्चित की जाए। लेखपालों के मोबाइल नंबर भी तहसील कार्यालय में चस्पा किए जाएं।