प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि संस्कृत भाषा में टीईटी प्रमाणपत्र धारक प्राथमिक शिक्षक चयन के लिए पात्र नहीं हैं। न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता व न्यायमूर्ति डी. रमेश की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया।
एकल पीठ के फैसले के विरुद्ध जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुरादाबाद की ओर से यह याचिका दाखिल की गई थी। उनका कहना था कि उप्र बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षक पद के लिए न्यूनतम योग्यता में संस्कृत विषय से टीईटी उत्तीर्ण को नहीं रखा गया था। बावजूद इसके कई अभ्यर्थियों ने दावेदारी की, जिसे बीएसए ने 19 अगस्त 2014 को खारिज कर दिया।
इसके खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे महेंद्र व अन्य को एकल पीठ ने 14 मार्च 2023 बड़ी राहत देते हुए बीएसए के फैसले को खारिज कर दिया। इसके विरुद्ध बीएसए की ओर से दाखिल विशेष अपील पर दो जजों की खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले को अनुचित माना। पीठ ने कहा, बीएसए के निर्णय में कुछ भी गलत नहीं है। याचीगण के पास संस्कृत भाषा में टीईटी पास होने का प्रमाणपत्र है, लेकिन कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाने के लिए जरूरी टीईटी पास होने का प्रमाणपत्र नहीं है। लिहाजा, विज्ञापित शर्तों के अनुसार प्राथमिक शिक्षक के लिए वे योग्य नहीं हैं।