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69000 Shikshak Bharti: यूपी असिस्टेंट टीचर्स को SC से बड़ी राहत, लेकिन 100% नहीं! समझ लें पूरी क्रोनोलॉजी

 सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें यूपी में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती की नई मेरिट लिस्ट जारी करने को कहा गया था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की अगुआई वाली बेंच ने सोमवार को सुनवाई के दौरान ने कहा कि वह इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का परीक्षण करेगी। कानूनी पहलुओं को परखने के बाद आदेश जारी करेगी।


इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों रवि कुमार सक्सेना व 51 अन्य लोगों ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचियों की अर्जी पर सुनवाई के दौरान कहा कि वह मामले में परीक्षण करेगा और इस दौरान हाई कोर्ट का आदेश स्थगित रहेगा। साथ ही शीर्ष अदालत ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी शिक्षकों की चयन सूचियों को रद्द करने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश पर भी रोक लगा दी।
कोर्ट ने यूपी सरकार और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने पक्षकारों से कहा है कि वें अधिकतम सात पेज में अपनी लिखित दलील पेश करें। कोर्ट ने मामले में दो वकील को नोडल भी बनाया है और राज्य सरकार से कहा है कि वह अपना जवाब दाखिल करे

कब-कब, क्या हुआ

  • 5 दिसंबर, 2018: 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती का नोटिफिकेशन जारी हुआ। (4.31 लाख अभ्यर्थियों ने इन पदों के लिए अप्लाई किया।)
  • 6 जनवरी, 2019: भर्ती परीक्षा हुई, जिसमें 4.10 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया।
  • 12 मई 2020: यूपी 69000 शिक्षक भर्ती का रिजल्ट जारी हुआ। 1.47 लाख अभ्यर्थी पास हुए। सामान्य वर्ग का कटऑफ 67.11% और OBC का कटऑफ 66.73% रहा।
  • मई 2020: आरक्षण के नियमों का पालन न करने का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दाखिल की गई।
  • 13 मार्च 2023: सिंगल बेंच ने मेरिट लिस्ट पर पुनर्विचार करने को कहा। लेकिन आरक्षण के नियमों को लेकर कुछ टिप्पणियां भी कीं।

(HC की सिंगल बेंच ने कहा था- शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) में आरक्षण का लाभ लेने वाले अभ्यर्थियों के सामान्य श्रेणी के कट ऑफ के बराबर या ज्यादा मार्क्स पाने पर अनारक्षित वर्ग में रखा जाना सही है। क्योंकि- टीईटी अभ्यर्थी को सिर्फ सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में भाग लेने के लिए उपयुक्त बनाता है। बेंच ने यह भी कहा था कि यूपी असिस्टेंट टीचर रिक्रूटमेंट एग्जाम में जिन अभ्यर्थियों ने आरक्षण का लाभ लिया है, उन्हें अनारक्षित श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अभ्यर्थियों ने डबल बेंच में अपील की।)

  • 13 अगस्त 2024: हाई कोर्ट ने की डबल बेंच ने सिंगल बेंच का फैसला रद्द करते हुए आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया। इस वक्त तक शिक्षकों की तैनाती भी हो गई थी। डबल बेंच ने कोटे को स्थिति भी साफ की थी। (HC की डबल बेंच ने कहा था- सामान्य श्रेणी के लिए निर्धारित मेरिट में आने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में ही माइग्रेट किया जाएगा। इसके अलावा यह भी साफ किया है कि वर्टिकल आरक्षण का लाभ हॉरिजेंटल आरक्षण वाले अभ्यर्थियों को भी दिया जाए।)

क्या है वर्टिकल, हॉरिजेंटल कोटा

वर्तमान नियमों के अनुसार राज्य सरकारें सरकारी नौकरियों में पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27%, अनुसूचित जनजाति (ST) को 2%, अनुसूचित जाति (SC) को 21% आरक्षण दिया जाता है। यह वर्टिकल कोटा है। अब मान लीजिए कोई अभ्यर्थी ST वर्ग का है और दिव्यांग भी है। दिव्यांगों को 4% कोटा मिलता है। ऐसे में यह कोटा उसे ST वर्ग की सीटों में से ही दिया जाएगा। यह हॉरिजेंटल कोटा कहलाएगा।

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