माध्यमिक स्कूलों के प्रबंधकों ने मंत्री को बताईं समस्याएं, यह हैं मांगें

 यह हैं मांगें


● आउटसोर्सिंग के तहत चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की चयन एवं नियुक्ति का अधिकार संस्था को दिया जाए।


● शिक्षकों के खाली पद पर मानदेय पर शिक्षकों की नियुक्ति एवं चयन का अधिकार मिले


● छात्र-निधियों के विकास शुल्क बढ़ोतरी, बिजली व सीसीटीवी कैमरा शुल्क नियत किया जाये


● नियमित शिक्षक और कर्मियों के वेतन भुगतान का हर महीने एक नियत समय पर हो


-जेडी व डीआईओएस द्वारा जारी होने वाले अधिनियम विपरीत मनमाने आदेशों पर रोक लगे


लखनऊ,   प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय प्रबंधक सभा के नेतृत्व में स्कूलों के प्रबंधकों ने सोमवार को माध्यकि शिक्षा मंत्री गुलाब देवी से भेंट कर सहायता प्राप्त विद्यालयों की समस्याओं के निराकरण की मांग उठायी। प्रबंधकों ने छात्रों की फीस बढ़ाने, आउट सोर्सिंग के तहत चतुर्थ श्रेणी कर्मियों और शिक्षकों की नियुक्ति स्कूल स्तर पर करने समेत पांच सूत्री सूत्रीय मांग पत्र मंत्री को सौंपा। मंत्री ने प्रबंधकों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही मांगों का समाधान किया जाएगा। इन स्कूलों के प्रबंधकों ने रविवार को डीएवी कॉलेज में आयोजित बैठक में पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के समक्ष मांगें रखी थी। उन्होंने विभागीय मंत्री से वार्ता कर प्रबंधकों के प्रतिनिधि मण्डल से वार्ता का समय दिलाया था।



प्रतिनिधि मण्डल में शामिल स्कूलों के प्रबंधकों ने मंत्री को बताया कि छात्रों की फीस में बढ़ोतरी की जाए। बिजली व सीसी कैमरे का शुल्य तय हो। जब तक आयोग से स्थायी शिक्षक नहीं आ जाते हैं। तब तक खाली पदों के सापेक्ष मानदेय पर शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार प्रबंधक को दिया जाए। मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और डीआईओएस का बर्ताव प्रबंधकों के प्रति अच्छा नहीं है। प्रबंधकों के खिलाफ मनमाने आदेश किये जा रहे हैं। शासन व सरकार स्तर पर नीतियां बनाने मुद्दे पर इनकी उपेक्षा की जा रही है। मंत्री से मुलाकात के दौरान संगठन के अध्यक्ष अशोक वाजपेई, कार्यकारी अध्यक्ष अरविंद कुमार, प्रदेश महामंत्री मनमोहन तिवारी, प्रभारी मध्यांचल प्रभाकर श्रीवास्तव, गजेंद्र सिंह, अरुण कुमार आर्य के अलावा महानिदेशक, अपर शिक्षा निदेशक, सचिव माध्यमिक, जेडी व डीआईओएस मौजूद रहे।