बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को शिक्षक भर्ती मामले में ईमानदार रुख अपनाना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ कोई अन्याय न हो. मायावती का यह बयान सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने के एक दिन बाद आया है, जिसमें राज्य सरकार को आरक्षण फॉर्मूले से संबंधित शिकायतों पर राज्य में 69000 सहायक शिक्षकों के लिए नई चयन सूची तैयार करने को कहा गया था.
मायावती बोलीं आरक्षित वर्ग के साथ न हो अन्याय
मायावती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि यूपी शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ कोई अन्याय नहीं होना चाहिए. उन्हें उनका संवैधानिक अधिकार अवश्य मिलना चाहिए.साथ ही सरकार को इस मामले में ईमानदार रुख अपनाना चाहिए, ताकि उनके साथ कोई अन्याय न हो. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जनवरी 2022 में जारी सहायक शिक्षकों की चयन लिस्ट को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले पर भी रोक लगा दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा बोर्ड को जारी किया नोटिस
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला व
न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सोमवार को हाईकोर्ट के फैसले पर रोक
लगाने वाली एक याचिका पर सुनवाई की थी. यह याचिका रवि कुमार सक्सेना और 51
अन्य की तरफ से दायर की गई थी. याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव सहित अन्य को नोटिस भी जारी किया
है.
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